शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास: ISS पहुंचने वाले बने पहले भारतीय, अंतरिक्ष से भेजा पहला संदेश!

Shubhanshu Shukla Space
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भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय बने।

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय बने। Ax-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष से भेजा भावुक संदेश।

Shubhanshu Shukla: 26 जून 2025 का दिन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया, जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखा। वह ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय और 41 साल बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए।

शुभांशु शुक्ला ने यह ऐतिहासिक उड़ान Axiom Space के प्राइवेट मिशन Ax-4 के तहत भरी। उन्होंने SpaceX के 'Dragon Grace' यान से अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी, जो भारतीय समयानुसार 26 जून दोपहर 12:00 बजे लॉन्च हुआ। करीब 14 घंटे की यात्रा के बाद यान ने अंतरिक्ष स्टेशन के Harmony मॉड्यूल से सफलतापूर्वक डॉकिंग की।

शुभांशु का पहला संदेश अंतरिक्ष से

अंतरिक्ष में पहुंचते ही शुभांशु शुक्ला ने भारतवासियों के लिए एक भावुक संदेश भेजा। उन्होंने कहा, "नमस्कार दोस्तों, मैं अंतरिक्ष से बोल रहा हूं। यहां सब कुछ भारहीन है। बिल्कुल बच्चे की तरह चलना और खाना सीख रहा हूं। यह अविस्मरणीय अनुभव है।"

Ax-4 मिशन की टीम

Ax-4 मिशन में उनके साथ शामिल हैं:

  • पेगी व्हिटसन (मिशन कमांडर)
  • स्लावोश उजनस्की (पोलैंड)
  • तिबोर कापू (हंगरी)

वैज्ञानिक प्रयोग और भारत की हिस्सेदारी

शुभांशु ISS पर अपने दो सप्ताह के प्रवास के दौरान खाद्य और पोषण से जुड़ा शोध करेंगे। उनका प्रयोग विशेष रूप से पोषक तत्वों से भरपूर शैवाल (microalgae) पर केंद्रित होगा। यह शोध ISRO, DBT और NASA के सहयोग से तैयार किया गया है।

इस रिसर्च में यह जांचा जाएगा कि microgravity और विकिरण का असर शैवाल की gene expression, protein synthesis और metabolic activity पर कैसा होता है। अंतरिक्ष में उगाई गई शैवाल की तुलना पृथ्वी पर उगाई गई शैवाल से की जाएगी।

गगनयान मिशन से पहले की बड़ी छलांग

शुभांशु शुक्ला ISRO के 2025 में प्रस्तावित 'गगनयान मिशन' के लिए चयनित चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। उनकी यह उड़ान भारत की पहली स्वदेशी मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक अहम अभ्यास है।

आपको बता दें कि 1984 में राकेश शर्मा पहले भारतीय थे जिन्होंने सोवियत मिशन Soyuz T-11 के तहत अंतरिक्ष की यात्रा की थी, लेकिन वह ISS नहीं गए थे।

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