भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास: ISS से शुभांशु शुक्ला 20 मिनट पहले जुड़ा स्पेस यान; ऐसे हुई डंकिंग

Shubhanshu Shukla ISS Docking
Shubhanshu Shukla Space Mission : भारत के लिए गौरवपूर्ण पल है। वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्पेसएक्स ड्रैगन यान गुरुवार (26 जून 2025) शाम 4 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक जुड़ गया। यह डॉकिंग पूर्वनिर्धारित समय से 20 मिनट पहले पूरी हुई। ग्रुप कैप्टन शुभांशु अंतरिक्ष यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय हैं। 41 साल पहले राकेश शर्मा स्पेश यात्रा पर गए थे।
26 घंटे की रोमांचक यात्रा का सफल समापन
ड्रैगन यान ने लॉन्च के बाद 28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए कुल 418 किमी की ऊंचाई पर ISS से संपर्क साधा। यह पूरा सफर लगभग 26 घंटे में पूरा हुआ। स्पेस यान ने रास्ते में कई कक्षीय मैन्यूवर्स किए। ताकि, ISS की कक्षा से सटीक संरेखण हो सके।
डॉकिंग प्रक्रिया: कैसे जुड़ा ड्रैगन ISS से?
- ड्रैगन कैप्सूल की डॉकिंग प्रक्रिया स्वचालित (Autonomous) थी, लेकिन शुभांशु शुक्ला और कमांडर पेगी व्हिटसन इसकी सतर्क निगरानी कर रहे थे। प्रक्रिया के चार मुख्य चरण थे।
- रेंडेजवू: यान ने इंजन फायरिंग से दिशा तय की। 2:33 PM IST: यान 400 मीटर नीचे और 7 किमी पीछे से शुरू होकर 200 मीटर की दूरी तक पहुंचा।
- नजदीक पहुंचना: 200 मीटर की दूरी से यान ने ISS से सीधा संवाद शुरू किया और कई घंटे तक सुरक्षित ट्रैक पर रहा।
- फाइनल अप्रोच: 20 मीटर की दूरी पर यान ने लेजर, कैमरा और GPS का प्रयोग कर हार्मनी मॉड्यूल से सटीक स्थिति हासिल की।
- सॉफ्ट कैप्चर: मैग्नेट्स की मदद से कैप्सूल पोर्ट से जुड़ा।
- हार्ड कैप्चर: हुक और लैच से यान को सुरक्षित किया गया और सील बनाई गई।
क्या होगा अब?
अब 1-2 घंटे तक एयरलीक और प्रेशर स्थिरता की जांच होगी। उसके बाद क्रू सदस्य ISS के अंदर प्रवेश करेंगे। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान शुभांशु ने यान की गति, प्रणोदन, एवियोनिक्स और संरेखण पर नजर रखी। साथ ही अंतरिक्ष में भारत का तिरंगा लहराया।
शुभांशु ने अपने संदेश में कहा, यह सिर्फ मेरी नहीं, भारत की यात्रा है। जब मैंने अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखा, वह एक नीला-हरा कैनवास लगा। तिरंगा देखकर लगा कि 1.4 अरब भारतीय मेरे साथ हैं।
