शशि थरूर के निशाने पर कांग्रेस: इमरजेंसी और नसबंदी के कुरेदे 'जख्म'; जाने क्या कहा?

शशि थरूर ने इमरजेंसी और नसबंदी पर आर्टिकिल लिखकर बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किल
Shashi Tharoor Emergency Article: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इमरजेंसी और नसबंदी जैसे मुद्दों पर सवाल उठाते एक बार फिर अपनी ही पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ा दी। बुधवार (9 जुलाई) को प्रकाशित एक लेख में उन्होंने कहा-1975 की इमरजेंसी को सिर्फ "काले अध्याय" के रूप में याद न करें, बल्कि इससे लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी सबक भी लेने चाहिए।
थरूर का यह लेख मलयालम अखबार 'दीपिका' में प्रकाशित हुआ है। इसमें उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल और संजय गांधी के जबरन नसबंदी अभियान को "क्रूर और मनमाना" करार दिया। कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उनके निजी विचार बताए हैं।
नसबंदी को बताया क्रूरता की मिसाल
- शशि थरूर ने लिखा, संजय गांधी का जबरन नसबंदी अभियान गरीबों के खिलाफ क्रूरता का उदाहरण बन गया था। उस दौरान टारगेट पूरा करने के लिए हिंसा का सहारा लिया गया। झुग्गियों उजाड़ दी गईं। जिससे हजारों लोग बेघर हो गए।
- शशि थरूर ने बताया कि सत्ता में बैठे लोगों द्वारा अनुशासन और व्यवस्था के नाम पर उठाए गए कदम कभी-कभी तानाशाही का रूप ले लेते हैं। इन्हें लोकतंत्र में उचित नहीं ठहराया जा सकता।
लोकतंत्र को लेकर चेतावनी भी दी
थरूर ने यह भी लिखा कि भारत का लोकतंत्र बहुमूल्य विरासत है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। सत्ता को केंद्रीकृत करना, असहमति को दबाना और संविधान को दरकिनार करना फिर हो सकता है। हमें हमेशा सतर्क रहना होगा। इमरजेंसी इसी चेतावनी की तरह है।पहले भी मोदी की तारीफ कर चुके थरूर
शशि थरूर का यह लेख ऐसे समय आया है, जब वे कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक मंचों पर ऊर्जा और गतिशीलता की सराहना कर चुके हैं। 23 जून को द हिंदू में प्रकाशित एक लेख में भी उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की थी। कहा-उनकी गतिशीलता और जुड़ने की इच्छा वैश्विक स्तर पर भारत के लिए संपत्ति है।
कांग्रेस ने बताई ‘निजी राय’, खड़गे का तंज
थरूर के इस बयान से कांग्रेस में हलचल मच गई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तंज कसते हुए कहा, हमारे लिए देश पहले है, लेकिन कुछ लोगों के लिए मोदी फर्स्ट है। थरूर की अंग्रेज़ी बहुत अच्छी है, लेकिन हम सबकी प्राथमिकता स्पष्ट है। इस पर शशि थरूर ने भी सफाई देते हुए कहा था कि, विदेश नीति पर राजनीतिक मतभेद नहीं होने चाहिए। मोदी की तारीफ भारत की वैश्विक कूटनीतिक पहुंच को लेकर थी।
