Satta King: 66 फीसदी युवा खेल रहे 'ऑनलाइन सट्टा', हर साल 8.5 लाख करोड़ के दांव

66 फीसदी युवा खेल रहे ऑनलाइन सट्टा, हर साल 8.5 लाख करोड़ के दांव
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Satta King: भारत में 66 फीसदी युवा ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल खेल रहे हैं। हर साल ₹8.5 लाख करोड़ का दांव लगाते हैं। कंज्यूमर यूनिटी और एंड ट्रस्ट सोसायटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है।

Satta King: भारत में सट्टेबाजी का खेल जमकर फल-फूल रहा है। हार-जीत के खेल में पैसों के साथ लोगों का जीवन भी बर्बाद हो रहा है। कट्स (कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसाइटी) इंटरनेशनल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ऑनलाइन गैंबलिंग प्लेटफॉर्म्स पर हर साल 100 अरब डॉलर (करीब ₹8.5 लाख करोड़) का दांव लग रहा है। ऑनलाइन सट्टेबाजी युवाओं, नाबालिगों और देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन गई है। इन प्लेटफार्म को रोकने के लिए तत्काल सख्त कानून बनाने की जरूरत है।

युवाओं को जाल में फंसाया जा रहा
रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक टॉप 15 अवैध गैंबलिंग प्लेटफॉर्म को 40 मिरर साइटों से 540 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया। अवैध प्लेटफार्म पेमेंट देने-लेने के लिए जरूरी केवाईसी नियमों का उल्लंघन करके अपने आकर्षक दावों से युवाओं को जाल में फंसा रहे हैं। कुछ प्लेटफॉर्म उन युवाओं को टारगेट कर रहे हैं, जो ऑनलाइन रोमांच की तलाश करते हैं। कुछ विदेशों में बैठे ऑफशोर खिलाड़ी कैश- ऑन-डिलीवरी भी स्वीकार करते हैं। इससे नाबालिग भी डिजिटल पेमेंट गेटवे के उपयोग के बिना पेमेंट करके दांव लगा सकते हैं।

66% युवा लगा रहे दांव
रिपोर्ट कहती है 66% से ज्यादा युवा सीधे आने वाले यूआरएल और प्राइवेट चैनल के जरिए यह दांव लगाते हैं। मतलब ये कि उन्हें इन प्लेटफार्म के बारे में गहरी जानकारी और भरोसा है। वे गैर कानूनी तरीके से यूपीआई के माध्यम से पेमेंट करते हैं। लेनदेन बेनामी खातों से होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो समस्या साइबर अपराध और मानसिक स्वास्थ्य संकट का रूप ले सकती है।

कड़ा कानून बनाने की जरूरत
रिपोर्ट में कुछ सिफारिशें भी की गईं हैं। अवैध सट्टेबाज़ी को रोकने के लिए कड़ा और समग्र कानून बनाने की जरूरत बताई गई है। अंतर-मंत्रालयीय निगरानी तंत्र का गठन करने की बात कही है। अवैध साइटों और यूपीआई जैसी पेमेंट प्रणालियों पर निगरानी रखी जाए। साथ ही जन-जागरूकता अभियान चलाकर युवाओं और अभिभावकों को जागरूक किया जाए। गैंबलिंग की लत और मानसिक प्रभावों पर शोध को बढ़ावा दिया जाए। सरकार की ओर से रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

(Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। यह आर्थिक जोखिमों के आधीन है। इसमें लत लगना स्वाभाविक है। हरिभूमि डिजिटल किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी और हार-जीत के दावों को प्रमोट नहीं करता है)

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