विंटर सेशन: PM मोदी के बयान पर विपक्ष का पलटवार, प्रियंका बोलीं- SIR, पॉल्यूशन और नेशनल सिक्योरिटी पर सवाल उठाना ड्रामा नहीं

PM मोदी के बयान पर प्रियंका गांधी का पलटवार, कहा- SIR और पॉल्यूशन पर सवाल उठाना ड्रामा नहीं
कांग्रेस की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि संसद में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR), दिल्ली एयर पॉल्यूशन और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों को उठाना किसी भी तरह का ड्रामा नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियादी ज़िम्मेदारी है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि चुनावी हालात, SIR विवाद और प्रदूषण जैसे विषय जनता के जीवन से सीधे जुड़े हैं और इन पर चर्चा से बचना लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र से पहले क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया से बातचीत में साफ शब्दों में कहा कि संसद ड्रामा करने की जगह नहीं है, बल्कि यहां डिलीवरी होनी चाहिए। बाहर ड्रामा करने की बहुत जगहें हैं, लेकिन सदन के भीतर हंगामा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों, विशेष रूप से विपक्ष से अपील की कि इस सत्र को सुचारु रूप से और गरिमापूर्ण तरीके से चलाने में पूरा सहयोग करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद जनता की आकांक्षाओं और उम्मीदों का सबसे बड़ा केंद्र है। इसलिए यहां नारेबाजी नहीं, बल्कि नीतियों पर गंभीर और रचनात्मक चर्चा होनी चाहिए। नारे नहीं, नीति पर फोकस होना चाहिए और इसके लिए साफ नीयत जरूरी है।
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ दल अभी भी हाल के बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार की निराशा से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। चुनावी हार का गम ठीक है, लेकिन संसद को निराशा का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए। इसी तरह, जीत का अहंकार भी यहां नहीं चलना चाहिए। यह सत्र न तो पराजय की बौखलाहट का मैदान बने और न ही विजय के घमंड का प्रदर्शन स्थल।
उन्होंने जोर देकर कहा कि नकारात्मकता से राष्ट्र निर्माण नहीं होता। हमें मिलकर सकारात्मक और रचनात्मक माहौल बनाना होगा।
प्रधानमंत्री ने युवा सांसदों को ज्यादा बोलने का मौका देने की बात भी दोहराई। उन्होंने कहा कि पहली बार चुने गए सांसदों की नई सोच, नया जोश और नई दृष्टि से सदन को समृद्ध होना चाहिए। युवा पीढ़ी के विचारों से देश को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी, इसलिए उन्हें पूरा अवसर मिलना चाहिए।अंत में पीएम मोदी ने फिर दोहराया, “संसद काम करने की जगह है, ड्रामा करने की नहीं। आइए, हम सब मिलकर इस सत्र को उत्पादक और ऐतिहासिक बनाएं।”
विपक्ष ने सरकार पर लगाए जवाबदेही से बचने के आरोप
विपक्ष ने सरकार पर जवाबदेही से बचने और सत्र की अवधि कम करके बहस को सीमित करने का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि SIR को लेकर उठे सवाल, कई BLO कर्मियों की मौत, दिल्ली में टेरर अटैक के बाद सुरक्षा चिंताएं और प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दों पर व्यापक चर्चा आवश्यक है। लेकिन सरकार छोटी अवधि के सत्र के जरिए चर्चा के अवसर घटा रही है, जिससे संसद की परंपरा और लोकतांत्रिक विमर्श कमजोर हो रहा है।
विंटर सेशन में कुल 15 बैठकें होंगी, जो आमतौर पर होने वाली 20 बैठकों से कम हैं। ऐसे में विपक्ष का दावा है कि सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज़ कर पार्लियामेंट की भूमिका को सीमित करने की कोशिश कर रही है।
