बिहार चुनाव के बाद नए संकेत: प्रियंका गांधी और प्रशांत किशोर की मुलाकात पर सियासी हलचल, क्या कांग्रेस से फिर हाथ मिलाएंगे पीके?

प्रियंका गांधी और प्रशांत किशोर की मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है। (फाइल फोटो)
Priyanka Gandhi-Prashant Kishor Meeting: दिल्ली में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर की हालिया मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब बिहार चुनाव संपन्न हो चुके हैं और विपक्षी राजनीति नए समीकरण तलाश रही है। दोनों नेताओं की इस अनौपचारिक बैठक को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
क्या कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच फिर बनेगी बात?
प्रशांत किशोर पहले कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीतिकार रह चुके हैं और गांधी परिवार से उनका पुराना संबंध रहा है। ऐसे में इस मुलाकात को कांग्रेस और पीके के बीच संभावित नजदीकी के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि कांग्रेस इस बैठक को किसी राजनीतिक गठजोड़ से जोड़कर नहीं देखना चाहती।
वोट कटने और एसआईआर मुद्दे पर चर्चा की संभावना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रियंका गांधी और प्रशांत किशोर के बीच वोट कटने और चुनावी सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन से जुड़े मुद्दे पर बातचीत हुई। यह वही मुद्दा है जिसे हाल के दिनों में विपक्ष लगातार उठा रहा है। माना जा रहा है कि इसी विषय ने दोनों नेताओं को बातचीत की मेज पर लाया।
मुलाकात पर कांग्रेस की ऑफ रिकॉर्ड चुप्पी
कांग्रेस पार्टी इस मुलाकात को ज्यादा तूल देने के पक्ष में नहीं है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ऑफ रिकॉर्ड इस बैठक से इनकार कर रही हैं जबकि ऑन रिकॉर्ड इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही हैं। पार्टी नहीं चाहती कि इसे किसी राजनीतिक समझौते या भविष्य की रणनीति से जोड़ा जाए।
संसद में सवाल पर प्रियंका गांधी का तीखा जवाब
जब संसद परिसर में पत्रकारों ने प्रशांत किशोर से मुलाकात को लेकर सवाल किया तो प्रियंका गांधी ने इसे टालते हुए कहा कि यह कोई न्यूज है। उन्होंने कहा कि देश में वायु प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याएं हैं जिन पर चर्चा की जरूरत है लेकिन मीडिया ऐसे सवाल पूछ रहा है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि पत्रकारों को यह सवाल पूछना चाहिए कि मौजूदा मंत्री संसद की कार्यवाही में बाधा क्यों बन रहे हैं और संसद के अंदर क्या हो रहा है। उन्होंने साफ संकेत दिया कि असल मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।
बिहार चुनाव के बाद बदले सियासी समीकरण
यह मुलाकात बिहार विधानसभा चुनाव के लगभग एक महीने बाद हुई है। प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी के जरिए बिहार में महागठबंधन और भाजपा दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ा था। कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा रही है ऐसे में इस मुलाकात को लेकर सियासी चर्चाएं और तेज हो गई हैं।
कांग्रेस और पीके का रिश्ता
कांग्रेस और प्रशांत किशोर के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में काफी उतार चढ़ाव से गुजरे हैं। कुछ साल पहले दोनों के बीच कड़वाहट के साथ अलगाव हुआ था। इसके बाद प्रशांत किशोर कई मौकों पर कांग्रेस की आलोचना भी करते रहे।
प्रशांत किशोर का गांधी परिवार से पुराना जुड़ाव रहा है। वह पहले राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर और फिर एक नेता के रूप में कांग्रेस से जुड़े थे। वर्ष 2021 में उन्होंने कांग्रेस को फिर से खड़ा करने के प्रस्ताव के साथ प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से संपर्क किया था। इसी वजह से मौजूदा मुलाकात को सियासी नजरिए से अहम माना जा रहा है।
