भारत-पैराग्वे संबंधों को मजबूती: PM मोदी बोले-आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करेंगे दोनों देश, दिल्ली में राष्ट्रपति सैंटियागो पेना के साथ द्विपक्षीय वार्ता

भारत-पैराग्वे संबंध, PM मोदी और राष्ट्रपति सैंटियागो पेना की द्विपक्षीय वार्ता।
India Paraguay Relation : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पैराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासिओस के बीच सोमवार (2 जून) को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक हुई। यह बैठक दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग और साझेदारी को नई दिशा देने का महत्वपूर्ण माध्यम मानी जा रही है। पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने पैराग्वे के राष्ट्रपति की इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया है। कहा, यह दूसरा मौका है, जब किसी पैराग्वे राष्ट्रपति की भारत यात्रा हो रही है। उन्होंने खुशी जताई कि राष्ट्रपति पेना एक मजबूत प्रतिनिधिमंडल के साथ आए हैं। दिल्ली के साथ वह मुंबई की यात्रा भी करेंगे।
Watch: Prime Minister Narendra Modi's remarks during his meeting with President Santiago Peña of Paraguay
— IANS (@ians_india) June 2, 2025
(Video Source: DD) pic.twitter.com/VQ9lc6XYzp
वैश्विक खतरों के खिलाफ एक साथ
बैठक में दोनों नेताओं ने आतंकवाद, साइबर अपराध, संगठित अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे वैश्विक खतरों के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और पैराग्वे इन खतरों के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
कोविड वैक्सीन की भूमिका सराही
भारत-पैराग्वे के संबंधों में कोविड महामारी के दौरान भारत द्वारा भेजी गई वैक्सीन की भूमिका को भी सराहा गया। प्रधानमंत्री ने कहा, हमें संतोष है कि महामारी के दौरान हम भारत में बनी वैक्सीन पैराग्वे के लोगों के साथ साझा करने में सक्षम थे।
नए आयाम तलाशेेंगे दोनों देश
दोनों देशों के बीच डिजिटल तकनीक, ऊर्जा, स्वास्थ्य, कृषि, रेलवे, अंतरिक्ष और खनिज जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए आयाम तलाशे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और पैराग्वे ग्लोबल साउथ का अभिन्न अंग हैं और समान चुनौतियों के चलते अनुभव साझा करके हम और मजबूत बन सकते हैं।
भारत और लैटिन अमेरिका के रिश्तों को मजबूती
राष्ट्रपति पेना की यह यात्रा भारत और लैटिन अमेरिका के रिश्तों को नई मजबूती देगी। साथ ही साझा समृद्धि के रास्ते खोलने में मददगार साबित होगी। इस मुलाकात को भारत की वैश्विक कूटनीति में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जो दक्षिण अमेरिका के साथ उसके रिश्तों को मजबूती प्रदान करती है।
