संसद का शीतकालीन सत्र: सरकार-विपक्ष आमने-सामने, आज सर्वदलीय बैठक

Parliament Winter Session Live
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संसद का शीतकालीन सत्र 1-19 दिसंबर तक चलेगा। आज सर्वदलीय बैठक में सरकार सहयोग मांगेगी, जबकि विपक्ष SIR, मणिपुर हिंसा, महंगाई जैसे मुद्दों पर हमलावर है।

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार, 1 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। कुल 15 कार्य दिवसों वाले इस सत्र से ठीक एक दिन पहले यानी रविवार (30 नवंबर) को राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। सरकार और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।

सत्र से पहले सबसे अहम घटना आज सुबह 11 बजे संसद भवन परिसर में होने वाली सर्वदलीय बैठक है। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू स्वयं करेंगे। इस बैठक में सरकार सभी दलों से दोनों सदनों के सुचारू संचालन के लिए सहयोग मांगेगी। रिजिजू ने शनिवार देर रात सोशल मीडिया पर भी अपील की कि विपक्षी दल पूरे उत्साह के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लें और भारत की जीवंत संसदीय परंपरा को और मजबूत करें।

सर्वदलीय बैठक के बाद शाम 4 बजे लोकसभा और राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की अलग-अलग बैठकें होंगी, जिसमें सत्र का विस्तृत कैलेंडर और किन-किन मुद्दों पर कितना समय दिया जाएगा, इसकी रूपरेखा तय की जाएगी।

दूसरी ओर विपक्ष पूरी तरह हमलावर मुद्रा में है। INDIA गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की अहम बैठक कल सुबह 10 बजे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में होगी। इस बैठक में सत्र के दौरान सरकार को घेरने की पूरी रणनीति बनाई जाएगी। विपक्ष के एजेंडे में सबसे ऊपर मणिपुर में जारी हिंसा, महंगाई, बेरोजगारी, अदानी मामले और कुछ अन्य मुद्दे हैं। लेकिन सबसे बड़ा टकराव “SIR” (Systematic Voters’ Identification and Registration) यानी मतदाता सूची की विशेष संशोधन प्रक्रिया को लेकर होने की संभावना है।

DMK सांसद तिरुचि शिवा ने स्पष्ट कहा, “सरकार ने सर्वदलीय बैठक इसलिए बुलाई है ताकि सदन सुचारू रूप से चल सके। हम भी कुछ ऐसे मुद्दे उठाएंगे जिन पर संसद में जरूर बहस होनी चाहिए।”वहीं BJP के वरिष्ठ सांसद निशिकांत दुबे ने SIR का पुरजोर बचाव करते हुए कहा, “रविवार को सर्वदलीय बैठक के बाद ही स्पष्ट होगा कि विपक्ष का इस मुद्दे पर क्या रुख है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि चुनाव आयोग द्वारा की जा रही SIR उसके अधिकार क्षेत्र में है। बिहार में तो एक भी व्यक्ति का नाम SIR के कारण नहीं कटा। ये चुनाव भारतीय वोटरों से होगा, बांग्लादेशी या घुसपैठिए वोटरों से नहीं। SIR का विरोध वही लोग कर रहे हैं जो विदेशी ताकतों के इशारे पर भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं।”

कुल मिलाकर शीतकालीन सत्र से पहले का माहौल पूरी तरह गरमाया हुआ है। सरकार विधेयकों को पास कराने के मूड में है तो विपक्ष हरसंभव तरीके से सरकार को घेरने की तैयारी में। सर्वदलीय बैठक के बाद यह और साफ हो जाएगा कि 1 दिसंबर से शुरू होने वाला सत्र कितना हंगामेदार होने वाला है।

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