संसद शीतकालीन सत्र 2025 संपन्न: दोनों सदन स्थगित, प्रदूषण पर चर्चा नहीं, जानें सेशन की मुख्य बातें

Parliament Winter Session 2025 Highlights
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 2025 शुक्रवार, 19 दिसंबर को औपचारिक रूप से समाप्त हो गया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों को साइन डाई के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र के अंतिम दिन कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद लोकसभा को स्थगित कर दिया गया, जबकि राज्यसभा में कागजात सदन पटल पर रखे गए।
प्रदूषण जैसे अहम मुद्दे पर नहीं हुई चर्चा
इस शीतकालीन सत्र की सबसे बड़ी बात यह रही कि देशभर में बढ़ते वायु प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर संसद में कोई विस्तृत चर्चा नहीं हो सकी। विपक्ष ने इसे सत्र की बड़ी चूक बताया।
विवादों के बीच पारित हुए अहम विधेयक
सत्र के दौरान राज्यसभा में VB-G राम-जी विधेयक और SHANTI (न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़ा) विधेयक पारित किए गए। इन विधेयकों के पारित होने के दौरान विपक्ष ने जोरदार विरोध किया और आरोप लगाया कि बिना पर्याप्त चर्चा के इन्हें पारित किया गया।
विपक्ष का हंगामा और विरोध प्रदर्शन
विधेयकों के विरोध में कई विपक्षी दलों ने सदन में नारेबाजी की और वॉकआउट किया। कुछ दलों ने 12 घंटे के धरना प्रदर्शन का भी ऐलान किया। विपक्ष का कहना था कि इन कानूनों से संघीय ढांचे और गरीब तबके के हितों पर असर पड़ेगा।
TMC का संसद परिसर में रातभर धरना प्रदर्शन
VB-G RAM G बिल के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों ने संसद परिसर में रातभर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने महात्मा गांधी और मनरेगा (MGNREGA) से जुड़े पोस्टर और बैनर हाथों में लिए हुए थे। बैनर पर लिखा था कि महात्मा गांधी ने मनरेगा को पहचान दी, और इस बिल के जरिए गांधी के नाम को हटाना उनके योगदान का अपमान है।
TMC सांसदों का आरोप है कि यह बिल किसानों, मजदूरों और गरीब वर्ग के खिलाफ है। सांसदों ने संसद के मकर द्वार के पास धरना देते हुए सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी भी की।
इसके साथ ही TMC नेताओं ने स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल सरकार अपने राज्य में ग्रामीण रोजगार योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर ही रखेगी, चाहे केंद्र सरकार कोई भी बदलाव करे।
सरकार का पलटवार
सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि विधेयक श्रमिकों और विकास के हित में हैं और विपक्ष केवल राजनीतिक कारणों से विरोध कर रहा है।
सत्र का समापन
अंततः दोनों सदनों के स्थगित होने के साथ संसद का शीतकालीन सत्र 2025 समाप्त हो गया। यह सत्र विधायी कामकाज से ज्यादा हंगामे और राजनीतिक टकराव के लिए याद किया जाएगा।
