ऑपरेशन सिंदूर: CDS चौहान बोले-युद्ध सिर्फ शस्त्र नहीं, शास्त्र से भी लड़े जाएंगे; संघर्ष विराम पर खोले राज

ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ, CDS अनिल चौहान ने सीजफायर पर किया बड़ा खुलासा।
CDS Anil Chauhan on Operation Sindoor: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीतिक तैयारी और तकनीकी श्रेष्ठता का उदाहरण बताया। साथ ही भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा, युद्ध अब केवल हथियारों से नहीं, ज्ञान और तकनीक से लड़े जा रहे हैं।
जनरल अनिल चौहान शुक्रवार, 25 जुलाई को दिल्ली में आयोजित रक्षा संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि अब हम तीसरी सैन्य क्रांति के दौर में हैं। आज का योद्धा सिर्फ 'शस्त्र' नहीं, बल्कि 'शास्त्र' में भी उतना ही दक्ष होना चाहिए
युद्ध की नई परिभाषा: अभिसरण युद्ध
सीडीएस चौहान ने बताया कि टेक्नालॉजी के इस युग में युद्ध के तौर तरीके बदल गए हैं। उन्होंने 'अभिसरण युद्ध' (Convergent Warfare) शब्द को परिभाषित करते हुए कहा, युद्ध में आज पारंपरिक हथियारों के साथ साइबर हमले, ड्रोन तकनीक, सैटेलाइट ट्रैकिंग और सूचना युद्ध (Information War) भी होते हैं। यह रणनीति सामरिक, परिचालन और रणनीतिक युद्ध के तीनों स्तरों का एकीकरण करती है।
#WATCH | At an event in Delhi, Chief of Defence Staff General Anil Chauhan says, "As I said earlier, there are no runners up in war, and giving examples of Operation Sindoor, which still continues; Our preparedness level has to be very high..." pic.twitter.com/eKQ7rAyTkW
— ANI (@ANI) July 25, 2025
ऑपरेशन सिंदूर: कब, क्यों और कैसे?
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकी ढांचों को नष्ट करना था। खासकर, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को निशाना बनाया।
युद्धविराम कैसे हुआ?
जनरल अनिल चौहान के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के तहत 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया गया है। उनके 9 आतंकी ठिकाने भी ध्वस्त किए गए। इससे पाकिस्तान को सैन्य और मनोवैज्ञानिक क्षति पहुंची, जिसके बाद 10 मई 2025 को पाकिस्तान के सैन्य ऑपरेशंस महानिदेशक ने युद्ध रोकने का आग्रह किया।
नपी-तुली, निर्णायक कार्रवाई
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं, बल्कि राष्ट्र सुरक्षा और आत्म-संरक्षण के तहत की है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने बहुत नपी-तुली और सटीक हमले किए हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ आतंकवाद को जड़ से उखाड़ना था न कि संघर्ष को बढ़ाना।
भारत के रणनीतिक आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति
ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब रिएक्टिव नहीं, बल्कि प्रोएक्टिव नीति पर काम कर रहा है। जनरल अनिल चौहान के मुताबिक, यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत के रणनीतिक आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति भी है।
