ऑनलाइन गेमिंग बिल संसद में पेश: ड्रीम-11, विंज़ो, माई-11 सर्कल जैसे फैंटसी गेम्स पर संकट; AIGF ने जताया विरोध

Online Gaming Bill 2025
Online Gaming Bill 2025: भारत के तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर पाबंदी लगाने केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है। IT मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बुधवार, 20 अगस्त को संसद में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पेश किया। इसके पास होते ही 3.7 अरब डॉलर की गेमिंग इंडस्ट्री पर ब्रेक लग सकता है। साथ ही ड्रीम11, विंज़ो, माई11सर्कल जैसे पॉपुलर गेम्स बंद हो सकते हैं।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर विधेयक पर पुनर्विचार की मांग की है। संगठन ने कहा, इस पर पूर्ण प्रतिबंध से लाखों नौकरियां चली जाएंगी और करोड़ों खिलाड़ी अवैध जुए की लत में आ सकते हैं।
The Government has introduced the Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 to boost innovation and ensure citizen protection pic.twitter.com/DmXMgBJLnW
— IANS (@ians_india) August 20, 2025
AIGF ने यह भी कहा कि नया कानून ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े खिलाड़ियों को अवैध नेटवर्क की ओर धकेलेगा। बेहतर होगा कि सरकार प्रगतिशील विनियमन लाए।
Online Gaming उद्योग का तर्क
कानूनी विशेषज्ञों ने दावा किया कि प्रस्तावित कानून संविधान के अनुच्छेद 19(1)(g) (व्यवसाय करने का अधिकार) और अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी माना है कि कौशल आधारित गेम्स जुआ नहीं हैं।
एक उद्योग विशेषज्ञ ने चेतावनी दी
ऑल इंडिया गेम पर प्रतिबंध से भारतीय खिलाड़ी सुरक्षित नहीं होंगे, बल्कि अवैध विदेशी ऑपरेटरों को बढ़ावा मिलेगा, जो पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
Online Gaming: पहले भी उठे कदम
अक्टूबर 2023: ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लागू।
2024-25 से: शुद्ध जीत पर 30% टैक्स।
दिसंबर 2023: संशोधित भारतीय न्याय संहिता में अनधिकृत सट्टेबाजी अपराध घोषित।
2022 से अब तक: सरकार ने 1,400 से अधिक अवैध साइटें ब्लॉक कीं।
ऑनलाइन गेमिंग विधेयक में क्या है?
सभी वास्तविक-धन (Real Money) गेम्स चाहे वह कौशल आधारित हों या फिर संयोग आधारित प्रतिबंधित होंगे। इनके विज्ञापनों पर भी पूर्णत: रोक लगा दी जाएगी। बैंक और वित्तीय संस्थान इन गेम्स से जुड़े लेन-देन नहीं कर पाएंगे और नियमों का उल्लंघन करने पर 3 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। केवल फ्री-टू-प्ले और सब्सक्रिप्शन आधारित गेम्स की इजाजत ही मिलेगी।
भारत में पैसे-आधारित सभी ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का मूल उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सरकार ने इसके लिए सख्त प्रावधान किए हैं। हालांकि, GST और कराधान विवादों पर कोई प्रावधान नहीं है।
ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में हड़कंप
भारत में ऑनलाइन गेमिंग मार्केट करीब 3.7 अरब डॉलर का है। 2029 तक 9.1 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ऑनलाइन गेमिंग की 86% आय वास्तविक धन वाले फॉर्मेट से आती है। ऐसे में यह कानून लागू होते ही सेक्टर की वित्तीय जीवनरेखा कट जाएगी। ड्रीम11, विंज़ो, माई11सर्कल जैसे बड़े प्लेटफॉर्म अस्तित्व के संकट में आ जाएंगे।
कंपनियां बंद होंगी, नौकरियां जाएंगी और अरबों डॉलर का उद्योग ध्वस्त हो सकता है। अब सवाल यह है कि क्या सरकार उद्योग के तर्क मानेगी या फिर इस पूर्ण प्रतिबंध के रास्ते पर आगे बढ़ेगी।
45 करोड़ यूज़र प्रभावित
भारत में फिलहाल 45 करोड़ से अधिक लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं, जिनमें बड़ी संख्या जिम्मेदारी से खेलती है। अगर यह विधेयक कानून बना, तो ये खिलाड़ी अवैध और असुरक्षित नेटवर्क की ओर धकेले जा सकते हैं, जिससे धोखाधड़ी, लत और साइबर अपराध का खतरा बढ़ जाएगा।
ऑनलाइन गेमिंग विधेयक-2025 के उद्देश्य
सकारात्मक और सुरक्षित गेमिंग को बढ़ावा
- ई-स्पोर्ट्स को आधिकारिक मान्यता: यानी अब ई-स्पोर्ट्स को क्रिकेट या हॉकी की तरह एक वैध खेल का दर्जा मिलेगा।
- सामाजिक और शैक्षिक खेलों को बढ़ावा: बच्चों और युवाओं के लिए सीखने वाले और सांस्कृतिक गेम्स पर ज़ोर।
- सरकार और प्राधिकरण मिलकर गाइडलाइन, पंजीकरण और नीतियां तय करेंगे।
हानिकारक मनी गेम्स पर रोक
- जुआ-संबंधी या पैसे वाले गेम्स (Money Games) पूरी तरह से प्रतिबंधित।
- इनके विज्ञापन, प्रचार और भुगतान लेनदेन पर भी रोक।
- नियम तोड़ने वालों के लिए कड़ी सज़ा (जेल + जुर्माना) का प्रावधान।
