Logo
election banner
Surjit Bhalla Lok Sabha Election Prediction: भल्ला ने दावा किया कि दुनिया में कहीं चले जाइए, सभी जगहों पर विपक्ष हमेशा महंगाई-बेरोजगारी का मुद्दा उठाता है। हमेशा कहेगा कि लोगों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। लेकिन हकीकत यह है कि भारत में 2019 की तुलना में बेरोजगारी का प्रतिशत कम है।

Surjit Bhalla Lok Sabha Election Prediction: लोकसभा चुनाव का पहला चरण पूरा हो चुका है। 21 राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों की 102 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को 68 फीसदी वोटिंग हुई। अब 26 अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग होगी। इससे पहले भारत के कद्दावर अर्थशास्त्री और चुनाव विश्लेषक सुरजीत भल्ला ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने NDTV से खास बातचीत में कहा कि बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में जो हासिल किया था, उससे इस बार बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना है। उनका दावा है कि भाजपा को 330 से 350 सीटें मिल सकती हैं।

भल्ला ने कहा कि आंकड़ों को यदि देखें तो भाजपा को अपने दम पर 330 से 350 सीटें मिलनी चाहिए। इस आंकड़े में भाजपा के सहयोगियों का नंबर शामिल नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 303 सीटें मिली थीं। इस बार भाजपा की सीटों में 5 से 7 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

प्रमुख विपक्षी दल को कितनी सीटें मिलेंगी?
अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने यह भी बताया कि चुनाव में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को कितनी सीटें मिलेंगी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी को 44 सीटें मिल सकती हैं। इसकी भी संभावना है कि जिस साल नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे यानी 2014 के चुनाव में मिली जीत से कांग्रेस को 2 प्रतिशत कम सीटें मिलने की उम्मीद है। 

विपक्षी गठबंधन के साथ नेतृत्व की समस्या
सुरजीत भल्ला कहते हैं कि विपक्षी गठबंधन यानी INDI गठबंधन के साथ नेतृत्व की समस्या है। अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा मायने रखती है, नेतृत्व दूसरे नंबर पर है। इस समय ये दोनों फैक्टर भाजपा के पक्ष में हैं। अगर विपक्ष ने एक ऐसे नेता का चयन किया होता जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों को अपील करने की क्षमता होती या प्रधान मंत्री मोदी से आधी भी लोकप्रियता रखता तो अनुमान लगाया जा सकता था कि मुकाबला कड़ा होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। 

सुरजीत भल्ला ने भविष्यवाणी की कि भाजपा तमिलनाडु में कम से कम पांच सीटें जीत सकती है। तमिलनाडु में हमेशा भाजपा कमजोर रही है। लेकिन मुझे आश्चर्य नहीं होगा कि भाजपा तमिलनाडु में पांच से अधिक सीटें हासिल कर ले या केरल में शायद एक या दो सीट मिल जाए।

अर्थशास्त्री भल्ला ने अपनी संभावना का श्रेय लोगों की जीवन स्थितियों में आए सुधार को दिया। उन्होंने कहा कि भारत इस आधार पर वोट करता है कि लोगों के जीवन में कितना सुधार हुआ है। यह मूल आधार है। यह जाति नहीं है, लिंग नहीं है, वे विभिन्न कारक नहीं हैं, जिन्हें लोग जिम्मेदार मानते हैं। लेकिन यह बिल्कुल वही है जो बिल क्लिंटन ने 1992 में कहा था कि यह अर्थव्यवस्था बेवकूफी है। 

Surjit Bhalla
Surjit Bhalla

लोगों के जीवन में हुआ सुधार
भल्ला ने कहा कि देश में 1 प्रतिशत या 14 मिलियन लोग गरीबी की पुरानी परिभाषा के अनुसार गरीब हैं। लोगों के जीवन में सुधार हुआ है। हमने विकास किया है, प्रति व्यक्ति खपत में सुधार हुआ है। जीवन में सुधार हुआ है। कुछ अर्थों में, शायद एक चौथाई आबादी गरीब है। गरीबी अब सापेक्ष है, अब निरपेक्ष नहीं है। 

देश में गरीब और अमीर हमेशा हमारे साथ रहेंगे। यह सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि हम गरीबी को कैसे परिभाषित करते हैं। हम प्रति व्यक्ति प्रति दिन 1.9 डॉलर की विश्व बैंक की परिभाषा का उपयोग करते हैं। हम कह रहे हैं कि इसे दोगुना किया जाना चाहिए, क्योंकि जीवन और अर्थव्यवस्था में सुधार हो। 

उन्होंने थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डेटा को अविश्वसनीय बताते हुए खारिज कर दिया। चुनावी मौसम के दौरान भाजपा को निशाना बनाने के लिए सीएमआईई डेटा का चयनात्मक उपयोग करने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।

विपक्ष हमेशा उठाता है महंगाई-बेरोजगारी का मुद्दा
भल्ला ने दावा किया कि दुनिया में कहीं चले जाइए, सभी जगहों पर विपक्ष हमेशा महंगाई-बेरोजगारी का मुद्दा उठाता है। हमेशा कहेगा कि लोगों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। लेकिन हकीकत यह है कि भारत में 2019 की तुलना में बेरोजगारी का प्रतिशत कम है। लोग यमन और इराक का मुद्दा उठाते हैं कि वहां की तुलना में यहां कम महिला कार्यबल है, शायद 10 प्रतिशत से भी कम है? यही वह पॉइंट है जो मैं कहना चाहता हूं कि यह बहुत बेतुका है। इसलिए विपक्ष को यह पसंद है। मुझे लगता है कि सीएमआईई डेटा दुनिया में किसी भी समय प्रकाशित सबसे अविश्वसनीय डेटा में से एक है।

5379487