Mahua Moitra gets Eviction notice: तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। 2023 में उन्हें लोकसभा से निष्कासित किया गया। अब महुआ को सरकारी बंगला तुरंत खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है। मंगलवार को संपदा निदेशालय की तरफ से आदेश जारी किया गया। विभाग ने कहा कि बंगला खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया गया। कोर्ट जाने का भी मौका दिया। लेकिन वहां से राहत नहीं मिली। ऐसे में अब अगर बंगला खाली नहीं किया तो बलपूर्वक खाली करा लिया जाएगा। 

तो अदालत जाएंगी महुता मोइत्रा?
सूत्रों का कहना है कि संपदा विभाग की नोटिस को चुनौती देने के लिए महुआ मोइत्रा आज बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, तृणमूल नेता शीघ्र ही न्यायमूर्ति मनमोहन की अदालत में निष्कासन नोटिस के खिलाफ एक रिट याचिका दायर करेंगी।

महुआ मोइत्रा के वकीलों ने कहा, 'सांसदों को आम चुनाव से पहले संसद सत्र के आखिरी दिन से लेकर नतीजों के दिन तक अपने घरों में रहने की अनुमति है। चूंकि टीएमसी नेता मोइत्रा को उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है, इसलिए यह उन पर भी यह नियम लागू होना चाहिए।' 

कब-कब जारी हुए नोटिस

  • 8 दिसंबर 2023 को सांसदी जाने के बाद महुआ मोइत्रा के बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया था। पहली बार उन्हें 7 जनवरी को घर खाली करने के लिए कहा गया था।
  • 8 जनवरी को संपदा निदेशालय ने नोटिस जारी किया और तीन दिन के अंदर जवाब मांगा था कि महुआ मोइत्रा ने अपना सरकारी बंगला खाली क्यों नहीं किया?
  • 12 जनवरी को निदेशालय की तरफ से तीसरा नोटिस जारी किया गया। महुआ मोइत्रा को विभाग ने 9बी टेलीग्राफ लेन का टाइप 5 बंगला अलॉट किया था। 

हाईकोर्ट ने कहा था- निदेशालय से अनुरोध करिए
बंगला आवंटन रद्द होने के बाद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने तब उनसे संपदा निदेशालय से अनुरोध करने को कहा था कि उन्हें फिलहाल बंगले में रहने दिया जाए। अदालत ने कहा था कि नियम अधिकारियों को असाधारण परिस्थितियों में कुछ शुल्कों के भुगतान पर किसी निवासी को छह महीने तक रहने की अनुमति देने की अनुमति देते हैं। संपदा निदेशालय को मामले पर फैसला करना चाहिए। 

हालांकि, अदालत ने मामले की योग्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की और मोइत्रा को अपनी याचिका वापस लेने के लिए कहा था। बेदखली आदेश में कहा गया कि अगर मोइत्रा बेदखली नोटिस को किसी भी अदालत में चुनौती देने का फैसला करती हैं, तो उन्हें हर महीने हर्जाना देना होगा।

महुआ अनैतिक आचरण की दोषी
महुआ मोइत्रा को बीते साल 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। संसदीय पैनल ने उन्हें एक व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से महंगे उपहार स्वीकार करने और उसके साथ अपनी संसद लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करने के लिए अनैतिक आचरण का दोषी ठहराया था।