महाकुंभ में भगदड़: भीड़ ने मारा धक्का, मेरी मां नीचे दब गई, सब कुचलते चले गए; जानें प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा

Mahakumbh stampede Witness Statement
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Mahakumbh stampede Witness Statement
Mahakumbh stampede Witness Statement: प्रयागराज के संगम तट पर मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। रात 2 बजे बैरिकेडिंग टूटने से श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। जानें प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा।

Mahakumbh stampede Witness Statement: प्रयागराज के संगम तट पर मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। रात 2 बजे बैरिकेडिंग टूटने से श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। मौनी अमावस्या के मौके पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान के लिए उमड़े थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हम आराम से चल रहे थे, लेकिन अचानक भीड़ धक्का देने लगी। देखते ही देखते हालात बिगड़ गए और भगदड़ मच गई। लोगों ने बताया कि भीड़ में इतना दबाव था कि सांस लेना तक मुश्किल हो गया। कुछ श्रद्धालु जमीन पर गिर गए और उनके ऊपर कई लोग चढ़ गए। इस घटना में 14 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, जबकि कई श्रद्धालु घायल हुए हैं। जानें महाकुंभ में भगदड़ के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा।

सामान गिरा, लोग कुचलते चले गए
हादसे के वक्त वहां मौजूद श्रद्धालुओं के मुताबिक, बैरिकेडिंग टूटते ही भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। एक महिला ने बताया कि हम अपने परिवार के साथ आगे बढ़ रहे थे कि अचानक सामने भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगे। हमारे सामान गिर गए, मेरी मां नीचे दब गई और भीड़ में सब कुचलते चले गए। वहीं मध्य प्रदेश के छतरपुर से आए एक श्रद्धालु ने बताया। कुछ लोगों ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पुलिस भी कुछ नहीं कर पाई। श्रद्धालुओं ने कहा कि हमें समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं। आगे भी भीड़ थी और पीछे भी। बचने का कोई रास्ता ही नहीं था।

"हम चिल्लाते रहे, लेकिन कोई सुन नहीं रहा था"
घटना के दौरान कई श्रद्धालु अपने परिवार से बिछड़ गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "हम लगातार चिल्ला रहे थे, लेकिन कोई सुन नहीं रहा था। लोग केवल खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे। एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि एक श्रद्धालु ने बताया कि कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। इतनी भीड़ थी कि अगर किसी ने धक्का दे दिया, तो संभलने का कोई मौका नहीं था। भगदड़ के बाद पुलिस और राहत दल ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम शुरू किया।

श्रद्धालु संगम जाने की जिद कर रहे थे, इसलिए स्थिति बेकाबू हो गई
भगदड़ के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा, यह घटना बेहद दुखद है। हजारों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए आगे बढ़ रहे थे, जबकि हमने पहले ही अपील की थी कि वे किसी भी गंगा घाट पर स्नान कर सकते हैं। श्रद्धालु केवल संगम पर स्नान करने की जिद कर रहे थे, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। प्रशासन ने पूरी कोशिश की, लेकिन इतने बड़े जनसैलाब को संभालना आसान नहीं था।

अगर सेना के हवाले होता कुंभ, तो यह हादसा नहीं होता
इस भगदड़ को लेकर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी भावुक हो गए। प्रेमानंद पुरी ने कहा, हमने पहले ही कहा था कि कुंभ की सुरक्षा सेना को सौंपी जाए, लेकिन हमारी बात नहीं मानी गई। यह पुलिस के बस की बात नहीं थी। आज कई परिवार उजड़ गए। किसी का बेटा चला गया, किसी की मां खो गई। यह बहुत दुखद है।प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की है।

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