Jatayu statue Ayodhya:अयोध्या श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सज कर तैयार है। इस प्राचीन शहर की सुंदरता यहां लगाई गई मूर्तियों से बढ़ गई है। इनमें से ही एक प्रतिमा है अयोध्या के कुबेर टीले पर लगाई गई जटायु की प्रतिमा। इस प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को करेंगे। इस मूर्ति को 90 साल के मूर्तिकार राम वनजी सुतार ने बनाया है। सुतार करीब 70 साल से मूर्तियां बना रहे हैं। वनजी सुतार अपने जीवन में 8000 से ज्यादा मूर्तियां बना चुके हैं।
किसने दिया था मूर्ति बनाने का पहला ऑर्डर
राम वनजी की बनाई जो पहली प्रतिमा स्थापित की गई थी, वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की थी। इस मूर्ति को संसद भवन में स्थापित किया गया है। साल 1947 में इस मूर्ति को बनाने का ऑर्डर राम वनजी को देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिया था। नेहरू सुतार के काम से बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद सुतार को भाखरा नंगल डैम बनाने वाले श्रमिकों की प्रतिमा बनाने का ऑर्डर दिया। वनजी सुतार ने नेहरू के कहने पर लेबर स्टैच्यू बनाई जो अभी चेन्नई के मरीना बीच पर लगाया गया है।
कैसे हुआ जटायु की प्रतिमा का चयन
वनजी सुतार का वर्कशॉप उत्तर प्रदेश के नोएडा में है। मौजूदा समय में वह अपने बेटे अनील के साथ मिलकर मूर्ति बनाने का काम करते हैं। अयोध्या में लगाई गई जटायु मूर्ति को बनाने से पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दो डिजाइन सौंपा था। इसमें से एक प्रतिमा ऐसी थी जो कि हमला करने की मुद्रा में थी। वहीं, दूसरी प्रतिमा के डिजाइन में जटायु को पंख फैलाकर उड़ते हुए दिखाया गया था। ट्रस्ट ने उड़ते जटायु की प्रतिमा पसंद किया। इसके बाद सुतार ने इस मूर्ति को बनाने का काम शुरू किया।
अयोध्या के लिए बना रहे है दूसरी मूर्ति
वनजी सुतार अयोध्या के लिए एक श्रीराम की प्रतिमा तैयार कर रहे हैं। इसे सरयू नदी के किनारे लगाया जाएगा। राम की मूर्ति बनाने के लिए भी सुतार ने ट्रस्ट को दो विकल्प दिए थे। इनमें से एक प्रतिमा युद्ध की मुद्रा में थी। वहीं, दूसरी प्रतिमा में भगवान राम को अयोध्या के राजा के रूप में दर्शाया गया था। ट्रस्ट ने भगवान राम के राजा स्वरूप वाली मूर्ति बनाने के लिए कहा है। राम की यह प्रतिमा स्थापित होने के बाद दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। मौजूदा समय में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा गुजरात में लगाई गई सरदार पटेल की मूर्ति है, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भी कहा जाता है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है।
मिल चुका है पद्म श्री और पद्म विभूषण सम्मान
वनजी सुतार को साल 1999 में पद्म श्री और 2016 में पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ ही कई और पुरस्कार भी मिले हैं। भारत के साथ ही दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में सुतार की बनाई प्रतिमाएं लगाई गई हैं। वनजी सुतार असम सरकार के लिए 17वीं शताब्दी केअहोम जनरल लचित बरपूखान की मूर्ति बना रहे हैं। इस मूर्ति की लंबाई 129 फिट होगी।