Jagnnath Mandir corridor inaugrated: ओडिशा के पुरी में 800 करोड़ की लागत से जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरीडोर का उद़्घाटन किया। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और ओडिशा के पूर्व महाराज दिव्य सिंह देवा ने पूरे धार्मिक विधि विधान से श्रीमंदिर प्रक्रिमा प्रकल्प का शुभारंभ किया। इस मौके पर ओडिशा के साथ ही देश भर से हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। इस खास धार्मिक आयोजन के लिए हिंदू धर्म के सभी चार शंकराचार्यों को न्यौता भेजा गया था। भारत और नेपाल के 1000 मंदिरों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया था। नेपाल राजघराने को भी इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने के लिए बुलावा भेजा गया था।

पुरी शहर की गई थी फूलों से सजावट
श्रीमंदिर प्रक्रिमा प्रकल्प का महायज्ञ मकर संक्राति के दिन शुरू किया गया था। गुरुवार को पुरी क गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब ने इस यज्ञ में पूर्णाहुति डाल कर अनुष्ठान को पूरा किया। विशेष पूजा से पहले पुरी में उत्सव जैसा माहौल नजर आया। शहर को फूलों से सजाया गया था। पूरे पुरी में जगह-जगह लाइटिंग की गई और भगवान जगन्नाथ से जुड़े चित्र बनाए गए थे। इस आयोजन को देखते हुए पुरी शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। शहर में पुलिस की करीब 80 प्लाटून तैनात की गई थी।

मंंदिर के बाहरी दिवार के चारों ओर कॉरीडोर बना
परियोजना के तहत पुरी जगन्नाथ मंदिर की बाहरी दीवार मेघनाद पटेरी के चारों और एक गलियारा बनाया गया है। इस गलियारे की चौड़ाई 75 मीटर है। मंदिर के चारों ओर श्रीमंदिर परिक्रमा पथ बनाया गया है। दो किलोमीटर के दायरे में बने इस परिक्रमा पथ से होते हुए श्रद्धालु अब सीधे दर्शन करने जा सकेंगे। इस कॉरीडोर को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि परिक्रमा करते हुए इस भव्य मंदिर का बेहतर नजारा भी देखा जा सकेगा। इस पर चलते हुए मंदिर के गाेपुरम का दर्शन भी साथ-साथ होगा। 

परियोजना के तहत हुए हैं ये काम: 
परियोजना के तहत अभी तक 4 लेन वाले श्री सेतु नामक ट्रम्पेट ब्रिज तैयार किया गया है। इसे 200 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। वहीं इसके साथ ही 5 मीटर लंबा ग्रीन बफर जोन, 10 मीटर लंबा आतंरिक प्रदिक्षणा पथ, 10 मीटर लंबा सार्वजनिक सुविधा क्षेत्र और साढ़े चार मीटर लंबा सर्विस लेन भी बनकर तैयार हो चुका है। इसके साथ ही कुछ अन्य सुविधाओं को तैयार करने का काम भी किया जा रहा है। 

क्या है इस परियोजना से फायदा
इस परियोजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मंदिर से जुड़ी पयर्टन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। मंदिर के आसपास की सुंदरता बढ़ गई है। रथ यात्रा के दौरान आम तौर पर मंदिर परिसर के आसपास होने वाली भारी भीड़ को आसानी से नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही रथ यात्रा निकालते समय किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। 

कब मिली थी परियोजना को हरी झंडी
पुरी मंदिर कॉरीडोर परियोजना नवीन पटनायक सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। ओडिशा कैबिनेट ने अक्टूबर  2019 में  इस परियोजना को मंजूरी दी थी। इस परियोजना की कुल लागत करीब 4000 रुपए है, और यह मंदिर कॉरीडोर इस पूरी परियोजना का एक हिस्सा है। प्रोजेक्ट के तहत पूरे पुरी शहर को नए रंग-रूप में ढालने की योजना तैयार की गई है। 

इस प्रोजेक्ट के तहत किए जाएंगे यह अहम काम:

  • जगन्नाथ मंदिर प्रशासन भवन को दोबारा तैयार किया जाएगा
  • 600 लोगों के लिए एक श्री मंदिर स्वागत केंद्र बनाया जाएगा
  • जगन्नाथ सांस्कृतिक केंद्र और बदडांडा हेरीटेज स्ट्रीट स्केप बनेगा
  • पुरी झील की सफाई और सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा
  • मूसा नदी का पुनरुद्धार का किया जाएगा