Chandigarh Mayor Election Controversy: कांग्रेस ने राम नाम का जप किया, लोकतंत्र के लिए मांगी मन्नत, फिर जमकर काटा बवाल

Chandigarh Mayor election controversy
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चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन विवाद में भगवान राम की एंट्री।
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोपों पर सुनवाई की। चंडीगढ़ प्रशासन से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव को लेकर चल रहे विवाद में भगवान राम की भी एंट्री हो चुकी है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ नगर निगम के बाहर प्रदर्शन करके भगवान राम के नाम का जप किया। मन्नतें मांगी कि लोकतंत्र बच जाए। आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी के दम पर बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या की गई है। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने राम नाप का जप करने के बाद बवाल काटना शुरू कर दिया। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। प्रदर्शनकारियों में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। तमाम अपडेट्स के लिए जुड़े रहिये...

राम राज्य के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप

चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस काउंसलर्स और महिला विंग के कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ नगर निगम के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने राम के भजन गाए। महिला विंग की प्रधान दीपा दुबे ने कहा कि हम भगवान राम के भजन गा रहे हैं ताकि बीजेपी को बुद्धि मिले। उन्होंने कहा कि बीजेपी राम राज्य स्थापित करने का दावा करती है। यहां राम राज्य के नाम पर धोखाधड़ी की है। उन्होंने कहा कि जनता बीजेपी के इस रवैये को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी क्योंकि सबने देखा है कि किस तरह से मेयर चुनाव में धांधली करके चुनाव जीता गया है।

चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस के प्रधान मनोज लुबाना ने भी बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, लेकिन बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए हर मर्यादा को लांघ दिया है। उन्होंने कहा कि हम नए मेयर से पूछना चाहते हैं कि क्या आपका जमीर मेयर की कुर्सी पर बैठने की इजाजत देगा। उन्होंने कहा कि जब तक इस सवाल का जवाब नहीं मिलता, तब तक हम प्रदर्शन करते रहेंगे।

पीठासीन अधिकारी बोले- लोकतंत्र की हत्या कांग्रेस-आप ने की

कांग्रेस और आप ने पीठासीन अधिकारी के बलबूते लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप बीजेपी पर लगाया था, वहीं अब पीठासीन अधिकारी का भी पक्ष सामने आ चुका है। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि लोकतंत्र की हत्या कांग्रेस और आप ने की है। मेयर चुनाव की प्रक्रिया शांतिपूर्वक तरीके से चल रही थी। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने कहा था कि 11 मतपत्र में निशान की आशंका है, इसलिए मतपत्र बदलने को कहा।

अनिल मसीह ने आगे कहा कि उनके कहने पर मतपत्र बदल दिए। इसके बाद जब मतपत्र गिने गए, तो आठ मतपत्र अवैध पाए गए। उन्होंने बताया कि नतीजा घोषित करने के साथ बीजेपी के पोलिंग एजेंट सौरभ जोशी और आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के पोलिंग एजेंट योगेश ढींगरा को बुलाया गया, लेकिन योगेश जी नहीं आए। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लोग मतपत्र फाड़ने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ पुलिस की मदद से ही बैलेट पेपर को हासिल किया जा सका। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आप ने ही लोकतंत्र की हत्या की साजिश रची थी।

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