Delhi excise policy case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली शराब मामले की सुनवाई कर रही राउज एवेन्यू कोर्ट में मनीष सिसोदिया पर कई आरोप लगाए हैं। ED ने कोर्ट में दावा किया कि मनीष सिसोदिया और शराब नीति मामले के दूसरे आरोपी, सुनवाई में जानबूझकर देरी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया। ईडी ने दावा किया मनीष सिसोदिया ही शराब नीति को ड्राफ्ट करने के लिए जिम्मेदार हैं। इसके लिए सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के दूसरे नेताओं को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मिली।
कोर्ट में मौजूद रहे संजय सिंह
प्रवर्तन निदेशालय ने काेर्ट में कहा कि मामले की सुनवाई में अभियाेजन पक्ष की वजह से नहीं बल्कि आरोपियों के कारण देर हो रही है। सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि सिसोदिया समेत दूसरे आरोपियों की ओर से मामले की सुनवाई में देरी करने के ठोस प्रयास किए गए हैं। मामले की सुनवाई के दौरान सिसोदिया के साथ ही कोर्ट में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह भी मौजूद रहे।
छोटी-छोटी मांगों के लिए लगाई जा रही याचिका
ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक ही जैसे अनुरोध के साथ 95 याचिकाएं कोर्ट में दाखिल की गई हैं, इनमें से छह याचिकाएं सिसोदिया ने दायर की थी। छोटी-छोटी मांगों के साथ दायर की गई इन याचिकाओं के कारण आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है। दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी। इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 अप्रैल को होगी। बता दें कि सिसोदिया के पास किसी समय दिल्ली सरकार के 33 विभागों में से 18 विभागों का प्रभार हुआ करता था।
AAP नेताओं पर रिश्वत लेने का आरोप
दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेताओं पर 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। ईडी का दावा है कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने शराब नीति में फेरबदल किया। इसमें शराब दुकान संचालकों को राहत देने के लिए लाइसेंस फीस माफ कर दी गई और इसे कम कर दिया गया। इसके साथ ही बिना समुचित प्राधिकरण की मंजूरी के लाइसेंस को रिन्यू भी कर दिया गया। इस मामले में मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, वहीं संजय सिंह को दो दिन पहले ही जमानत मिली है।