Sanjay Nirupam disciplinary action: कांग्रेस ने अपने पूर्व मुंबई इकाई प्रमुख संजय निरुपम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया। यह कार्रवाई आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर निरुपम ने हाल ही में शिवेसना (यूबीटी)  के खिलाफ टिप्पणी की थी। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है। संजय निरुपम पर एक्शन लेने का यह फैसला प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में लिया गया।

अनुशासनात्मक प्रक्रिया शुरू की गई
बैठक के बाद संजय निरुपम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान को भेजा गया। इसके बाद पार्टी की अनुशासन समिति स्थिति का आकलन करेगी और निरुपम के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में अंतिम निर्णय लिया। इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने पुष्टि की कि निरुपम को आगामी चुनावों के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया गया है।

स्टार प्रचारकों की सूची से हटाया गया
संजय निरुपम को लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया गया है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि कुछ दिनों से संजय निरुपम पार्टी लाइन से इतर जाकर बयान दे रहे थे। उनके बयान जिस तरह से आ रहे थे, ऐसा लग रहा था कि उन्होंने किसी की सुपारी ले रखी है। उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। ऑन द स्पॉट कार्रवाई होगी। अगले एक से दो दिनों में उनका इस्तीफा हो जाएगा। 

निरुपम ने आखिर किस बात पर की टिप्पणी
पूर्व सांसद संजय निरुपम, मुंबई की कुछ प्रमुख सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने के शिवसेना के फैसले की मुखर आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने पर शिवसेना के फैसले पर निराशा व्यक्त की और सुझाव दिया कि कांग्रेस को अपने सहयोगी दल के दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए। निरुपम की टिप्पणियों ने पार्टी के भीतर विवाद पैदा कर दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि इसी वजह से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

दूसरी पार्टियों में विकल्प तलाश सकते हैं निरुपम
संजय निरुपम और कांग्रेस नेतृत्व के बीच मतभेद ने पार्टी के भीतर उनके भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर दी हैं। निरुपम ने संकेत दिया है कि अगर आलाकमान ने उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया तो वह अन्य विकल्प तलाश सकते हैं। जबकि भाजपा ने संकेत दिया है कि अगर निरुपम पार्टी बदलने का फैसला करते हैं तो उनका पार्टी में स्वागत किया जाएगा। वहीं, शिवसेना ने कहा है कि इस बात की पहले से ही उम्मीद थी कि संजय निरुपम कांग्रेस छोड़ सकते हैं।