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PM Modi Degree Remarks: संजय सिंह की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील रेबेका जॉन ने कहा कि आम आदमी पार्टी सांसद की तरफ से यूनिवर्सिटी को लेकर जो कुछ कहा गया है, उसमें मानहानि जैसा कुछ नहीं है।

PM Modi Degree Remarks: दिल्ली शराब घोटाले में जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आए आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 8 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर सवाल उठाने वाले संजय सिंह के खिलाफ जारी मानहानि समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। संजय सिंह ने गुजरात की एक अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी थी।

संजय सिंह को अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने मानहानि मामले में समन भेजा था। हालांकि वे तब दिल्ली शराब घोटाला केस में तिहाड़ जेल में बंद थे। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। संजय ने पीएम नरेंद्र मोदी की एजुकेशनल डिग्री पर सवाल उठाया था। 

ट्रायल कोर्ट में दीजिएगा ये तर्क
संजय सिंह की तरफ से वकील रेबेका जॉन पेश हुए थे। जबकि गुजरात यूनिवर्सिटी तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा। रेबेका जॉन ने कहा कि आम आदमी पार्टी सांसद की तरफ से यूनिवर्सिटी को लेकर जो कुछ कहा गया है, उसमें मानहानि जैसा कुछ नहीं है। ऐसा नहीं कहा गया कि गुजरात यूनिवर्सिटी ने फर्जी डिग्री बनाई है। इस पर अदालत ने कहा कि जब ट्रायल कोर्ट में केस की सुनवाई होगी, तब ये दलीलें दीजिएगा। इसके बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया। 

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने दर्ज कराई थी शिकायत
गुजरात हाईकोर्ट ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत पीएम मोदी की एजुकेशनल डिग्रियों के बारे में जानकारी प्रदान करने के मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द कर दिया था। इसके बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और संजय सिंह के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणियों पर मानहानि का मामला दायर किया था। 

जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही पर लगाई थी रोक
जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मानहानि शिकायत पर ट्रायल कोर्ट के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने संजय सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था। याचिका में गुजरात की कोर्ट में लंबित मामले को राज्य के बाहर कोलकाता में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।

शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय से आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं द्वारा निचली अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा था। 

पिछले साल अगस्त में शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय ने पिछले साल 11 अगस्त को अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह द्वारा उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।

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