'POK की वापसी तक बातचीत संभव नहीं': MEA प्रवक्ता ने ठुकराया पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ का प्रस्ताव; कहा-आतंकवाद के साये में संवाद होगा न व्यापार

MEA spokesperson Randhir Jaiswal
India-Pakistan News : भारत ने गुरुवार (29 मई) कोपाकिस्तान को लेकर अपना रुख एक बार फिर स्पष्ट किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, पाकिस्तान से भारत की बातचीत तभी संभव है, जब वह POK और कुख्यात आतंकवादी भारत को सौंप दे। विदेश मंत्रालय का यह बयान पाक पीएम शरीफ के उस बयान के ठीक बाद आया है, जिसमें भारत को बातचीत का ऑफर दे रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों को लेकर सरकार का स्पष्ट रुख दोहराया। कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार का संवाद पूरी तरह द्विपक्षीय होना चाहिए। आतंकवाद के साये में कोई बातचीत संभव नहीं है।
कुख्यात आतंकवादी सौंपे पाकिस्तान
जायसवाल ने दो टूक कहा, पाकिस्तान को हम पहले ही कुख्यात आतंकवादियों की सूची सौंप चुके हैं, जो भारत में हमलों में संलिप्त रहे हैं। पाकिस्तान जब तक इन आतंकियों को हमें नहीं सौंप देता और सीमा पार आतंकवाद पर ठोस, विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय कार्रवाई नहीं करता, तब तक उसके साथ बातचीत संभव नहीं है।
रणधीर जायसवाल ने जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में भी भारत की स्थिति स्पष्ट की। कहा, इस मुद्दे पर किसी भी बातचीत के लिए हमारी स्पष्ट शर्त है कि पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भारत को सौंपें।
सिंधु जल संधि पर भारत का कड़ा रुख
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखा जाएगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। प्रधानमंत्री मोदी के बयान का जिक्र करते हुए कहा, आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, और पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।
ईरान में 3 भारतीय नागरिक लापता
प्रवक्ता जायसवाल ने ईरान में लापता तीन भारतीय नागरिकों को लेकर चिंता व्यक्त की। कहा, भारत सरकार इस मामले पर ईरानी अधिकारियों के लगातार संपर्क में है। तीनों भारतीय नागरिक कुछ समय पहले तेहरान पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद से उनका सुराग नहीं है। ईरानी प्रशासन का भरपूर सहयोग मिल रहा है। हम पीड़ित परिवार के साथ भी संपर्क में हैं। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
