मतदाता सूची का शुद्धिकरण: चार राज्यों में करीब 94.50 लाख वोटरों के नाम कटे, MP में सबसे बड़ी कार्रवाई

ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने के बाद कई राज्यों से मतदाताओं की शिकायतें भी सामने आ रही हैं।
नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के बाद मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी कर दिया है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य फर्जी, मृत और डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाकर सूची को पारदर्शी बनाना है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, इन राज्यों में कुल मिलाकर लगभग 94.50 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।
अकेले मध्य प्रदेश में 42.74 लाख नामों की छंटनी हुई है, जबकि केरल में 24 लाख और छत्तीसगढ़ में 27 लाख से अधिक वोटरों के नाम काटे गए हैं।
मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड छंटनी और भोपाल का हाल
मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के शुद्धिकरण के दौरान कुल 42,74,160 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इनमें से 31.51 लाख लोग ऐसे हैं जो अपना पता बदल चुके हैं या लंबे समय से अनुपस्थित हैं।
इसके अलावा 8.46 लाख मृत और 2.77 लाख डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। राजधानी भोपाल में ही 4.38 लाख से ज्यादा नाम हटाए गए हैं, जिसमें गोविंदपुरा और नरेला जैसे बड़े विधानसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है।
इस कार्रवाई के बाद अब प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 5.41 करोड़ के करीब रह गई है।
केरल और छत्तीसगढ़ में भी लाखों नामों पर चली कैंची
केरल और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। केरल में पुनरीक्षण के बाद 24.08 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जिससे वहां कुल मतदाताओं की संख्या अब 2.54 करोड़ के आसपास है। वहीं छत्तीसगढ़ में भी 27.34 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से बाहर कर दिए गए हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी करीब 64 हजार नाम हटाए गए हैं। इन सभी राज्यों में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता मिले जो अब उस विधानसभा क्षेत्र में नहीं रहते या जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
वोटर हेल्पलाइन और वेबसाइट पर तकनीकी परेशानियां
ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने के बाद कई राज्यों से मतदाताओं की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट और वोटर हेल्पलाइन ऐप पर कई लोगों को अपना नाम खोजने में समस्या हो रही है।
कुछ यूजर्स का कहना है कि EPIC नंबर और कैप्चा डालने के बाद भी डेटा नहीं खुल रहा है या सिस्टम एरर दिखा रहा है। आयोग ने इसके समाधान के लिए मतदाताओं को मोबाइल नंबर के जरिए विवरण सर्च करने की सलाह दी है, हालांकि जिन लोगों का मोबाइल नंबर लिंक नहीं है, उन्हें बीएलओ से संपर्क करना पड़ रहा है।
22 जनवरी तक आपत्ति दर्ज कराने का मौका
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक ड्राफ्ट सूची है। जिन लोगों के नाम गलती से कट गए हैं या जो नए मतदाता अपना नाम जुड़वाना चाहते हैं, वे 22 जनवरी 2026 तक अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं।
इसके लिए फॉर्म-6 का उपयोग किया जा सकता है। सभी दावों का निपटारा करने के बाद आयोग 21 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगा। नागरिकों से अपील की गई है कि वे समय रहते अपना नाम चेक कर लें।
