मलाबार ग्रुप ने WHO इंडिया से मिलाया हाथ: शुरू किया 'Nurturing Beginnings' प्रोजेक्ट, गरीब मांओं और बच्चों को मिलेगा पोषण व स्वास्थ्य लाभ

Malabar group and who India
Mumbai News: ज्वेलरी ब्रांड मलाबार ग्रुप ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत एक नई पहल की शुरुआत की है। कंपनी ने WHO इंडिया के सहयोग से 'Nurturing Beginnings' प्रोजेक्ट लॉन्च किया है, जिसका मकसद शहरी गरीब बस्तियों में रहने वाली मांओं और बच्चों को बेहतर पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं और मानसिक विकास उपलब्ध कराना है।
दिल्ली से होगी शुरुआत
इस प्रोजेक्ट का पहला चरण दिल्ली की शहरी बस्तियों में लागू किया जाएगा। यहां मांओं और बच्चों को मुफ्त पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं और मानसिक-बौद्धिक विकास से जुड़ी मदद दी जाएगी। भविष्य में इसे अन्य राज्यों में भी विस्तार किया जाएगा।
'हंगर फ्री वर्ल्ड' प्रोग्राम का विस्तार
'Nurturing Beginnings' मलाबार ग्रुप के पहले से चल रहे 'Hunger Free World' प्रोग्राम का हिस्सा है। यह प्रोग्राम गर्भावस्था से लेकर बच्चे के जीवन के शुरुआती 1,000 दिनों पर फोकस करेगा, जो उनके शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
समझौते पर हस्ताक्षर
कोझिकोड, कुट्टिकट्टूर स्थित मलाबार ग्रुप मुख्यालय में इस प्रोजेक्ट के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर WHO इंडिया के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ओफ्रिन, WHO के नेशनल प्रोफेशनल ऑफिसर डॉ. बी. मुहम्मद अशील, मलाबार ग्रुप चेयरमैन एमपी अहमद, एमडी अशर ओ, ग्रुप एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर निशाद एके और NGO ‘थनल’ के चेयरमैन डॉ. वी. इदरीस मौजूद रहे।
मलाबार ग्रुप का विजन
मलाबार ग्रुप चेयरमैन एमपी अहमद ने कहा, ''Nurturing Beginnings हमारे 'Hunger Free World' प्रोग्राम को और मजबूत करता है। बच्चे तभी पूरी क्षमता से बढ़ सकते हैं जब उन्हें गर्भावस्था से लेकर शुरुआती सालों तक सही पोषण मिले। WHO इंडिया के साथ मिलकर हम एक स्वस्थ समाज बनाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।''
WHO का समर्थन
WHO इंडिया के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ओफ्रिन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “पोषण और देखभाल हर मां और बच्चे का मूल अधिकार है। मलाबार ग्रुप की यह पहल अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।''
CSR पहल की झलक
- 1993 से मलाबार ग्रुप अपने मुनाफे का 5% CSR गतिविधियों पर खर्च करता है।
- 'Hunger Free World' प्रोग्राम के तहत भारत में 60,000 लोगों और जाम्बिया के 10,000 छात्रों को रोजाना मुफ्त भोजन मिलता है।
- अब तक 30,000 से ज्यादा बच्चे शिक्षा में लौट चुके हैं।
- Grandma Home प्रोजेक्ट जरूरतमंद मांओं की मदद करता है।
- 2007 से अब तक 1.15 लाख लड़कियों को स्कॉलरशिप दी गई है और इस साल 33,000 और छात्राओं को स्कॉलरशिप देने का लक्ष्य है।
