महाराष्ट्र चुनाव: 'मैच फिक्सिंग' बयान से सियासी भूचाल, राहुल गांधी के आरोप पर चुनाव आयोग का तीखा जवाब

मैच फिक्सिंग बयान से सियासी भूचाल, राहुल गांधी के आरोप पर चुनाव आयोग का तीखा जवाब
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 'मैच फिक्सिंग' के राहुल गांधी के आरोप पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने इसे कानून का अपमान और चुनाव कर्मचारियों का अपमान बताया।

Rahul Gandhi Vs election commission: राहुल गांधी ने अंग्रेज़ी अखबार में प्रकाशित एक लेख 'Match-Fixing Maharashtra' को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया। इस लेख में उन्होंने ‘चुनाव कैसे चुराया जाता है?’ शीर्षक से चरणबद्ध तरीके से बताया कि उनके अनुसार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में किस तरह से अनियमितताएं हुईं। अपने पोस्ट में राहुल गांधी ने दावा किया कि यह चुनाव लोकतंत्र को कमजोर करने की एक "सुनियोजित साजिश" का हिस्सा था।

उन्होंने आगे चेतावनी दी कि बीजेपी की अगली नजर बिहार विधानसभा चुनाव पर है, जो साल के अंत में होने वाला है। राहुल गांधी ने लिखा, "महाराष्ट्र में जैसी मैच-फिक्सिंग हुई, वही अब बिहार में दोहराई जाएगी, और फिर हर उस जगह जहां बीजेपी को हार का डर है।" चुनाव आयोग ने उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। आयोग ने कहा, "अब यह एक नया और निराधार चलन बन गया है, जब मैच हार जाओ, तो रेफरी को दोष दो।" आयोग ने कहा है कि ये आरोप पूरी तरह "निराधार और बेतुके" हैं और इससे न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं का अपमान होता है बल्कि लाखों कर्मचारियों के मनोबल पर भी असर पड़ता है।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा: "महाराष्ट्र की मतदाता सूची के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोप कानून के शासन का अपमान हैं। आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस पार्टी को विस्तृत जवाब दिया था, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।"

आयोग ने आगे कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि बार-बार इन्हीं मुद्दों को उठाते समय इन तथ्यों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। यह रुझान केवल तथ्यों की अनदेखी नहीं है, बल्कि एक संस्थागत और लोकतांत्रिक प्रणाली को बदनाम करने की कोशिश भी है।"

ECI ने कड़ा रुख अपनाते हुए यह भी कहा, "झूठी सूचनाओं का प्रसार कानून के प्रति अनादर है और यह अपने ही राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों और लाखों चुनाव कर्मचारियों का भी अपमान है, जो निष्पक्षता और पारदर्शिता से चुनाव प्रक्रिया को संचालित करते हैं।"

राहुल गांधी के 'मैच फिक्सिंग' बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

भाजपा का पलटवार: भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी पर "झूठ फैलाने" और "संवैधानिक संस्थाओं का अपमान" करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "राहुल गांधी को हर हार के बाद लोकतंत्र पर संदेह करना बंद करना चाहिए।"

सहयोगी दलों का समर्थन: कई विपक्षी दलों, जैसे शिवसेना (उद्धव गुट) और आम आदमी पार्टी ने राहुल गांधी के सवालों को जायज ठहराते हुए कहा कि "अगर सवाल उठते हैं तो जांच होनी चाहिए, न कि उसे दबाया जाए।"

जनता की प्रतिक्रिया (सोशल मीडिया); सोशल मीडिया पर जनता दो हिस्सों में बंटी नजर आई- कुछ लोगों ने राहुल गांधी के बयान को "साहसिक और सच बोलने वाला" कहा, तो कुछ ने इसे "राजनीतिक ड्रामा" करार दिया।

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