CJI BR Gavai: जस्टिस बीआर गवई बने 52वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ; जानिए सीजेआई के कैरियर का सफर

CJI BR Gavai Oath Ceremony: न्यायमूर्ति बीआर गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बने। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार (14 मई) सुबह उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वह पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना की जगह लेंगे। उनका कार्यकाल छह महीने से अधिक का है। वे 23 नवंबर को पदमुक्त होंगे।
सीजेआई बीआर गवई ने बुधवार को हिंदी में शपथ ली। उनके शपथ समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित अन्य केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए।
LIVE: Swearing-in-Ceremony of the Chief Justice of India Shri Justice Bhushan Ramkrishna Gavai at Rashtrapati Bhavan https://t.co/KSRP8wDqpz
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 14, 2025
जस्टिस बीआर गवई और उनका कॅरियर
- जस्टिस बीआर गवई, दिवंगत राजनेता आरएस गवई के बेटे हैं। आरएस गवई बिहार, केरल और सिक्किम के राज्यपाल और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई गुट) के वरिष्ठ नेता रहे हैं।
- जस्टिस बीआर गवई ने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1985 में की थी। 1987 में बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू की। इसके पहले पूर्व महाधिवक्ता और हाई कोर्ट के न्यायाधीश स्वर्गीय राजा एस भोंसले के साथ काम किया।
- जस्टिस बीआर गवई 24 मई, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए थे। इस दौरान यहां कई संविधान पीठों का हिस्सा रहे और कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए।
- जस्टिस बीआर गवई पांच न्यायाधीशों वाली उस संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने दिसंबर 2023 में जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था।
जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित CJI
जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित और पहले बौद्ध CJI हैं। उनके पहले 2007 में जस्टिस केजी बालाकृष्णन भारत के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए थे। वह भी दलित वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। जस्टिस गवई ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को सही और चुनावी बॉण्ड योजना को असंवैधानिक ठहराया था।
