इंडिगो संकट पर सरकार सख्त: इंडिगो संकट पर सरकार सख्त; उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू बोले - 'ऐसी कार्रवाई होगी, जो हर एयरलाइन याद रखेगी'

Aviation Minister Ram Mohan Naidu
नई दिल्ली: देशभर के एयरपोर्ट्स पर इंडिगो के क्रू संकट के चलते सैकड़ों उड़ानें रद्द होने और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करने के बाद सरकार ने कड़ा रुख अपना लिया है। संसद में आज केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इंडिगो को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि एयरलाइन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि यह देश की हर एयरलाइन के लिए एक उदाहरण बने।
राज्यसभा में मंत्री ने कहा कि उड़ानों में व्यापक रद्दीकरण और यात्रियों के फंसने की स्थिति इंडिगो की “आंतरिक संकट” के कारण बनी, जो नए पैसेंजर सेफ्टी नॉर्म्स लागू होने के बाद सामने आई। उन्होंने कहा, ''हम पायलटों, क्रू और यात्रियों- सभी का ध्यान रखते हैं। सभी एयरलाइंस को पहले ही नियम स्पष्ट कर दिए गए थे। इंडिगो को अपने क्रू और रोस्टर का प्रबंधन करना चाहिए था। यात्रियों ने भारी कठिनाइयाँ झेली हैं। सरकार स्थिति को हल्के में नहीं ले रही। सख्त कार्रवाई होगी, जो हर एयरलाइन के लिए मिसाल बनेगी। नियमों के किसी भी उल्लंघन पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।''
VIDEO | Speaking in Rajya Sabha on the IndiGo crisis, Union Civil Aviation Minister Ram Mohan Naidu Kinjarapu says, "The IndiGo crisis occurred due to problems in its crew rostering and internal planning systems. IndiGo was supposed to manage crew rosters through its day-to-day… pic.twitter.com/aiz8a9ubwN
— Press Trust of India (@PTI_News) December 8, 2025
क्यों फंसे यात्री और रद्द हुई उड़ानें?
दो साल पहले लागू किए गए नए फ्लाइट सेफ्टी नियमों में पायलट की थकान दूर करने के लिए अतिरिक्त डाउनटाइम की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए एयरलाइंस को अधिक संख्या में पायलट नियुक्त करने की आवश्यकता थी।
इंडिगो, जो रोजाना 2,200 उड़ानें संचालित करती है, नए नियम लागू होते ही क्रू की कमी से जूझने लगी। परिणामस्वरूप देशभर में सैकड़ों फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी, जिससे यात्रियों की शादियाँ, छुट्टियाँ और जरूरी काम तक प्रभावित हुए। स्थिति बिगड़ने पर DGCA ने अस्थायी रूप से नए निर्देशों में ढील दी।
विपक्ष का हमला और डुओपॉली का मुद्दा
इंडिगो संकट के बाद विपक्ष ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में इंडिगो और एयर इंडिया के डुओपॉली मार्केट स्ट्रक्चर पर सवाल उठाए। विपक्ष का आरोप है कि दो बड़ी एयरलाइंस के पास अधिकांश बाजार नियंत्रण होने से ऐसी स्थितियाँ और बिगड़ सकती हैं।
इस पर सरकार का जवाब था कि वह लगातार नए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करती रही है और भारत में पांच बड़ी एयरलाइंस संचालित होने की क्षमता है।
