भार्गवास्त्र: भारत ने तैयार किया हार्ड-किल काउंटर-ड्रोन सिस्टम, एक साथ कई मिसाइल मार गिराने में सक्षम; जानें खासियत

Bhargavastra: भारतीय सेना ने हाल ही में पाकिस्तानी मिसाइलों को ध्वस्त कर अपने एंटी ड्रोन सिस्टम की सर्वश्रेष्ठता सिद्ध की है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद इसे और सशक्त करने की कोशिशें जारी हैं। इसी क्रम में सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) ने 'भार्गवस्त्र' नामक कम लागत वाला हार्ड-किल काउंटर-ड्रोन सिस्टम विकसित किया है। मंगलवार 13 मई को ओड़िशा के गोपालपुर स्थित सीवर्ड फायरिंग रेंज में इसका सफल परीक्षण किया गया। यह अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन के झुंडों को चंद मिनटों में मार गिराने में सक्षम है।
भार्गवास्त्र एक मल्टी-लेयर काउंटर-ड्रोन सिस्टम है। इसमें माइक्रो रॉकेट इस्तेमाल किए गए हैं। जो दुश्मन के ड्रोन्स, स्वार्म ड्रोन और झुंड में उड़ने वाले ड्रोन को 6 किमी दूर से ट्रैक कर मार गिराने और एक साथ 64 से अधिक माइक्रो-मिसाइल्स फायर करने में सक्षम है। इसकी सटीकता और कम लागत सबसे बड़ी खासियत है। जो कि इसे व्यापक स्तर पर ड्रोन हमलों से निपटने में सक्षम बनाती है।
भार्गवस्त्र हथियार प्रणाली की खासियत
- भार्गवस्त्र हथियार प्रणाली की रेंज लगभग 5-6 किलोमीटर है।
- सूक्ष्म हथियारों के माध्यम से यह एक साथ कई ड्रोन बेअसर कर सकती है।
- रेगिस्तान और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित सभी इलाकों में वाहन चलित प्लेटफार्मों पर लगा सकते हैं।
- उन्नत C4I (कमांड, कंट्रोल, संचार, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस) तकनीक से लैस कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर है।
- भार्गवस्त्र हथियार प्रणाली का रडार 5 किमी से परे मानव रहित हवाई वाहनों का पता कर लेगा।
- 0.01 वर्ग मीटर जितने छोटे लक्ष्य को ट्रैक करने में सक्षम है।
- भार्गवस्त्र हथियार प्रणाली एक साथ 64 टारगेट को ट्रैक कर 16 सेकंड में मार सकती है।
- इसमें सूक्ष्म मिसाइल मारक और लॉक-इन क्षमताएं हैं।
- हर सेकंड मिसाइल फायर करने की क्षमता है।
- स्वायत्त ड्रोन के झुंड के खिलाफ प्रभावी और पारंपरिक जैमिंग या स्पूफिंग तकनीकों के प्रतिरोधी है।
तीन स्तर पर हुआ परीक्षण
भारतीय सेना अधिकारियों की उपस्थिति में भार्गवस्त्र के तीन अलग-अलग परीक्षण किए गए। दो बार एक-एक रॉकेट फायर की गईं। जबकि, तीसरे परीक्षण में साल्वो मोड लॉन्च का प्रदर्शन किया गया। इसमें 2 सेकंड के अंदर ही दो रॉकेट फायर किए गए। SDAL के अनुसार, सभी चार रॉकेटों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया है। यह बड़े पैमाने पर ड्रोन खतरों को बेअसर करने में सक्षम है।
