भारतीय इंजीनियर की कहानी: यूएस के लिए बनाया B-2 बॉम्बर, फिर चीन को दिया सीक्रेट कोड, ड्रैगन ने बनाया घातक विमान

भारतीय इंजीनियर नोशिर गोवाडिया की फाइल फोटो
सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई के लिए अमेरिका को ऐसे विमान चाहिए थे, जो कि रडार में आए बिना पाताल लोक में बने दुश्मन के सैन्य ठिकानों को भी ध्वस्त कर सके। इसके बाद B-2 स्पिरिट बमवर्षक विमान की परिकल्पना साकार करने के प्रयास शुरू हो गए। खास बात है कि एक भारतीय इंजीनियर ने भी इस बी-2 स्पिरिट वमवर्षक विमान को उन्नत करने में अहम योगदान दिया। इनका नाम है नोशिर गोवाडिया। वे मूल रूप से मुंबई के रहने वाले हैं। उन्हें बी-2 स्पिरिट बमवर्षक विमान को विकसित करने के लिए पैसे के साथ सम्मान भी मिला। लेकिन, कुछ वक्त के बाद उन्हें अरेस्ट भी करना पड़ा। तो चलिये बताते हैं उनकी पूरी कहानी...
B-2 स्पिरिट बॉम्बर विमान बनने की कहानी
अमेरिका ने सोवित संघ से लड़ने के लिए बी-2 स्पिरिट बॉम्बर विमान बनाने की ठानी। 1960 में यह अकल्पनीय विमान बनाने वाली टीम में भारतीय इंजीनियर नोशिर गोवाडिया को भी जगह मिल गई। उन्होंने इन विमानों को विकसित करने में अहम योगदान दिया। 1986 में उन्होंने कंपनी छोड़ दी और अपनी कंसल्टिंग फर्म शुरू कर दी। चूंकि यह बड़ा और अहम प्रोजेक्ट था, लिहाजा इससे जुड़े हर व्यक्ति पर लगातार निगरानी रखी जाती थी। जॉब छोड़ने के बाद भी उन पर नजर रखी गई। नोशिर गोवाडिया को भी लगा कि अब उन पर निगरानी नहीं होगी, लिहाजा उन्होंने ऐसी हरकत कर दी, जिसके चलते उन्हें आज तक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
चीन को उपलब्ध कराए बी-2 स्पिरिट बॉम्बर के दस्तावेज
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि बी-2 स्पिरिट बॉम्बर प्रोजेक्ट से हटने के करीब 17 साल बाद गोवाडिया ने 2003 और 2004 के बीच चीन में कई यात्राएं की। उन्होंने चीन को स्टील्थ बी-2 स्पिरिट बमवर्षक विमान की तकनीक सौंपी। बताया जाता है कि इसके बदले में उन्हें तीन सालों में 1.10 लाख डॉलर मिले। एफआईआई पहले से सभी पर निगरानी रखती थी, लिहाज चीन यात्राओं के दौरान वो शक के दायरे में आ गए। लेकिन, एक पुख्ता सबूत की जरूरत थी। अक्टूबर 2005 में FBI ने उनके घर पर छापा मारा, जहां उनके खिलाफ कई सबूत मिल गए। शुरुआत में वो अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते रहे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
नोशिर गोवाडिया का कबूलनामा
नोशिर गोवाडिया ने अपने कबूलनामा में लिखा था कि विचार करने के बाद लगा कि मैंने जो किया वह गलत था। पीआरसी को क्रूज मिसाइल बनाने में मदद करना ठीक नहीं था। मैंने जो कुछ किया, वह जासूसी और देशद्रोह है। गवाडिया के इस कबूलनामे के बाद आर्म्स कंट्रोल एक्ट और जासूसी अधिनियम के तहत 14 मामलों में दोषी ठहराया गया। 2011 में उन्हें 32 साल कैद की सजा सुनाई गई। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वे कोलोराडो के फ्लोरेंस में सुपरमैक्स जेल में बंद हैं। बहरहाल, गवाडिया ने भले ही अपना जुर्म कबूल कर लिया, लेकिन उनका बेटा एश्टन गोवाडिया अपने पिता को बेकसूर बताते हैं और आज भी उनके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
चीन को मिल गया स्टील्थ स्पिरिट बॉम्बर विमान
द वॉर जोन के मुताबिक, 14 मई 2025 की सैटेलाइट इमेजरी से पता चला है कि चीन के बेस पर बी-2 स्पिरिट बॉम्बर जैसा विमान दिखाई दिया है। इस विमान के पंखों का फैलाव 52 मीटर लगभग 170 फीट है। यह ड्रोन जैसा दिखाई दे रहा है। H20 और J36 फाइटर जैसे अगले पीढ़ी के कार्यक्रमों का भी संकेत देता है। विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि अमेरिका ने बी-2 बमवर्षक विमानों से हमला करके इरान के 3 परमाणु ठिकानों को ध्वस्त किया है, लेकिन चीन और नॉर्थ कोरिया जैसे देश अमेरिका और इराजयल से नाराज भी हैं। चूंकि चीन के पास भी बी-2 जैसे विमान हैं, उसके चलते तीसरे विश्व युद्ध छिड़ने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
