अपाचे AH-64E: भारतीय सेना को US से मिले अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर; जानें क्या है खासियत?

भारतीय सेना को अमेरिका से मिले अत्याधुनिक अपाचे AH-64E अटैक हेलिकॉप्टर
Apache Helicopters : भारतीय सेना को अमेरिका से तीन अत्याधुनिक अपाचे AH-64E अटैक हेलिकॉप्टर मिले हैं। हिंडन एयरबेस पर ये हेलिकॉप्टर एंटोनोव परिवहन विमान से लाए गए। इन्हें जोधपुर में तैनात किया जाएगा। इन अत्याधुनिक अपाचे हेलीकाफ्टर से न सिर्फ सेना की मारक क्षमता बल्कि युद्ध संचालन की क्षमता में भी बड़ा इजाफा होगा।
अपाचे AH-64E की खासियत
- अपाचे AH-64E: यह हेलिकॉप्टर अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस है। हेलफायर एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, हाइड्रा-70 अनगाइडेड रॉकेट्स और 30 मिमी की चेन गन शामिल हैं, जो हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले से नियंत्रित होती हैं।
- अपाचे AH-64E हेलिकॉप्टर दुश्मन के टैंकों, बंकरों और मोबाइल ठिकानों को सटीकता से नष्ट करता है। इसका फायर कंट्रोल रडार सिस्टम एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है। अत्याधुनिक हथियारों लैस होने के कारण इसे “हवाई टैंक” भी कहते हैं।
- अपाचे हेलिकॉप्टरों में नाइट विजन और थर्मल इमेजिंग जैसे सिस्टम हैं। लिहाजा, ये रात में और खराब मौसम में भी दुश्मन को आसानी से ढूंढ़कर निशाना बना सकते हैं।
- इन हेलिकॉप्टरों में ड्यूल कॉकपिट है, जिससे पायलट और गनर दोनों को अलग-अलग ऑपरेशनल कंट्रोल मिलता है।
- टारगेट एक्विजिशन और डिजीटल कम्युनिकेशन सिस्टम लगा है। जिस कारण किसी भी युद्ध स्थिति में यह सेना को सटीक जानकारी और तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है। पहाड़, रेगिस्तान या जंगल हर क्षेत्र में कारगर हैं।
- अत्याधुनिक एवियोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम के अपाचे हेलिकॉप्टर युद्ध के दौरान आत्मरक्षा में भी मददगार होंगे। यह हेलिकॉप्टर रडार-जैमिंग, मिसाइल वार्निंग और इन्फ्रारेड काउंटरमेजर्स जैसी स्मार्ट तकनीकों से दुश्मन के हमलों से खुद को बचा सकता है।
- अपाचे हेलीकाप्टर की गति 280 किमी/घंटा है। ये 480 किमी की रेंज में मिशन अंजाम दे सकता है। ऑटोमेटेड फ्लाइट कंट्रोल, डिजिटल कॉकपिट और डेटा लिंक से यह नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर के लिए भी उपयुक्त है।
सेना के पास कितने AH-64E अपाचे?
भारतीय थल सेना के बेड़े इस तरह के अत्याधुनिक मारक क्षमता वाले अपाचे हेलिकॉप्टर पहली बार शामिल किए गए हैं। अब तक ये सिर्फ एयरफोर्स के पास थे। वायुसेना के पास 22 अपाचे हेलिकॉप्टर पहले से हैं, जो पंजाब के पठानकोट और असम के जोरहाट एयरबेस पर तैनात हैं।
अपाचे AH-64E को 'हवाई टैंक' क्यों कहते हैं?
अपाचे हेलिकॉप्टरों को उनकी मारक क्षमता और तकनीकी श्रेष्ठता के कारण "हवाई टैंक" की संज्ञा दी गई है। इंडियन आर्मी ने इन हेलिकॉप्टरों की तस्वीरें साझा कर ऑपरेशनल ताकत में बड़ा कदम बताया है।
अपाचे AH-64E का निर्माता कौन हैं ?
इन घातक हेलिकॉप्टरों का निर्माण अमेरिका की बोइंग कंपनी ने किया है। भारत में तैनाती से पहले इन्हें कई तकनीकी परीक्षणों और मंजूरी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।
अपाचे AH-64E का सौदा कब हुआ?
भारत और अमेरिका के बीच यह डील 2020 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान हुई थी। भारत ने करीब 5,000 करोड़ में 6 अपाचे हेलिकॉप्टर का सौदा किया है। पहली खेप मई-जून 2024 में पहुंचनी थी, लेकिन वैश्विक सप्लाई चेन संकट और अन्य कारणों से देरी हुई।
अपाचे AH-64E की क्यों हैं जरूरी?
जोधपुर में अपाचे AH-64E हेलिकॉप्टरों की तैनाती भारतीय सेना की पश्चिमी सीमाओं पर जवाबी कार्रवाई की क्षमता को मजबूत करना है। थलसेना को इनसे वायु संचालन क्षमता के मामले में एयरफोर्स पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
