भारत-यूके शिक्षा साझेदारी: ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटीज़ भारत में खोलेंगी अपने कैंपस, पीएम मोदी ने किया ऐलान

ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटीज़ भारत में खोलेंगी अपने कैंपस, पीएम मोदी ने किया ऐलान
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया कि ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटीज़ भारत में कैंपस खोलेंगी। साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी का गुरुग्राम कैंपस शुरू हो चुका है।

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच शैक्षिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि ब्रिटेन के 9 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जल्द ही भारत में अपने परिसर स्थापित करेंगे। यह ऐलान ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की हालिया भारत यात्रा के दौरान किया गया, जो दोनों देशों के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते के बाद द्विपक्षीय रिश्तों में नई गति का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा-

“प्रधानमंत्री स्टार्मर के साथ शिक्षा क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा और प्रभावशाली प्रतिनिधिमंडल आया है। यह बहुत खुशी की बात है कि अब UK की नौ universities भारत में campuses खोलने जा रही हैं। Southampton University के Gurugram campus का हाल ही में उद्घाटन हुआ है और छात्रों का पहला समूह प्रवेश भी ले चुका है।” मोदी के इस ट्वीट के बाद यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। उन्होंने इसे भारत-यूके शिक्षा साझेदारी का एक “नया अध्याय” बताया।

भारत में खुलने वाले ब्रिटिश विश्वविद्यालय

इस पहल के तहत ब्रिटेन की नौ शीर्ष विश्वविद्यालय भारत के विभिन्न शहरों में अपने कैंपस खोलेंगी। इनमें से एक- साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी का गुरुग्राम कैंपस पहले ही शुरू हो चुका है और छात्रों का पहला बैच पढ़ाई भी शुरू कर चुका है।

शुरू होने वाले प्रमुख विश्वविद्यालयों की सूची:

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्प्टन: गुरुग्राम (संचालित)

यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल: बेंगलुरु

यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क: मुंबई

यूनिवर्सिटी ऑफ एबरडीन: मुंबई

यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल: मुंबई

बाकी चार विश्वविद्यालयों की घोषणा जल्द की जाएगी।

क्यों है यह पहल खास

भारतीय छात्रों को अब विदेश जाए बिना ब्रिटिश शिक्षा का अनुभव मिलेगा। विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम और अनुसंधान के अवसर भारत में ही उपलब्ध होंगे। शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। भारत को “वैश्विक शिक्षा हब” बनाने की दिशा में एक ठोस कदम।

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा

मोदी ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ आया यह शिक्षा प्रतिनिधिमंडल अब तक का सबसे बड़ा और प्रभावशाली है। उन्होंने इस साझेदारी को भारत के युवाओं के लिए “विश्वस्तरीय अवसरों के द्वार खोलने वाला कदम” बताया।

विशेषज्ञों की राय

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से भारत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरेगा। इससे न केवल छात्रों को लाभ मिलेगा, बल्कि विदेशी निवेश और शोध सहयोग भी बढ़ेगा।

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