भारत की GDP में धमाकेदार उछाल: Q2 FY26 में 8.2% ग्रोथ, सर्विस-मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर चमके

India GDP growth Q2 8.2 percent
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India GDP growth Q2 8.2 percent

भारत की GDP ने Q2 FY26 में 8.2% की तेज वृद्धि दर्ज की। मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर ने दमदार प्रदर्शन किया, जबकि पहली छमाही की ग्रोथ 8% रही।

India GDP growth Q2 FY26: भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) में शानदार प्रदर्शन करते हुए 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर दर्ज की है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की 5.6 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में काफी मजबूत सुधार दर्शाता है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार को यह आधिकारिक आंकड़े जारी किए।

इस मजबूत प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2025) में औसत विकास दर 8.0 प्रतिशत हो गई है, जो वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही के 6.1 प्रतिशत से काफी बेहतर है। नाममात्र (नॉमिनल) जीडीपी में इस तिमाही 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

वृद्धि का मुख्य श्रेय द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र को जाता है। द्वितीयक क्षेत्र ने 8.1 प्रतिशत और तृतीयक क्षेत्र ने 9.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि हासिल की। द्वितीयक क्षेत्र में विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) ने 9.1 प्रतिशत तथा निर्माण क्षेत्र ने 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई। तृतीयक क्षेत्र में वित्तीय सेवाएं, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं का सब-सेक्टर सबसे आगे रहा, जिसमें 10.2 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई।

हालांकि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में वृद्धि सीमित 3.5 प्रतिशत रही, वहीं बिजली, गैस, जल आपूर्ति एवं अन्य उपयोगिता सेवाओं में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।मांग के मोर्चे पर निजी उपभोग व्यय (PFCE) में 7.9 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 6.4 प्रतिशत से बेहतर है। वहीं सरकारी उपभोग व्यय (GFCE) में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पिछले साल यह 4.3 प्रतिशत बढ़ा था।

विदेशी व्यापार में भी सुधार दिखा। निर्यात में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई (पिछले साल 3 प्रतिशत), जबकि आयात में 12.8 प्रतिशत का जोरदार उछाल आया (पिछले साल मात्र 1 प्रतिशत)। आयात में तेज वृद्धि घरेलू मांग की मजबूती को भी दर्शाती है।

RBI का भी अनुमान बढ़ा

1 अक्टूबर 2025 को RBI ने FY26 की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया। यह बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था निकट भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

कौन से सेक्टर ने अर्थव्यवस्था को सबसे ज्यादा रफ्तार दी?

सेकेंडरी सेक्टर (Industries)

  • कुल वृद्धि: 8.1%
  • मैन्युफैक्चरिंग: 9.1%
  • कंस्ट्रक्शन: 7.2%

टर्शियरी सेक्टर (Services)

  • कुल वृद्धि: 9.2%
  • फाइनेंशियल, रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विसेज: 10.2%
  • सर्विस सेक्टर ने सबसे दमदार प्रदर्शन किया।

प्राइमरी सेक्टर (Agriculture)

  • कृषि वृद्धि: 3.5%
  • कृषि की ग्रोथ धीमी रही।
  • बिजली, गैस, पानी आदि सेवाएं
  • वृद्धि: 4.4%

मांग (Demand) के मोर्चे पर क्या स्थिति रही?

Private Consumption (PFCE)

  • वृद्धि: 7.9%
  • (पिछले साल: 6.4%)
  • लोगों का खर्च बढ़ा, जो मजबूत मांग का संकेत है।

Government Consumption (GFCE)

  • 2.7% की गिरावट
  • (पिछले साल +4.3%)
  • सरकार का खर्च इस बार कम हुआ।

विदेशी व्यापार (Export–Import) में सुधार

  • निर्यात (Export): +5.6%
  • आयात (Import): +12.8%

आयात में तेज बढ़ोतरी बताती है कि देश में डिमांड मजबूत है।

लगातार दूसरी तिमाही में 8%+ ग्रोथ

मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर की शानदार परफॉर्मेंस ने अर्थव्यवस्था को तेज किया है। कृषि की धीमी ग्रोथ और सरकारी खर्च में कमी होने के बावजूद, अर्थव्यवस्था स्थिर और मजबूत दिखाई दे रही है।

इस प्रदर्शन से FY26 की वार्षिक ग्रोथ 7.5-8% से अधिक रहने की उम्मीद बढ़ गई है।

GDP क्या है?

GDP (Gross Domestic Product) किसी देश में एक तय समय में बनाए गए सभी गुड्स व सर्विसेज की कुल वैल्यू होती है। देश के अंदर काम कर रहीं विदेशी कंपनियों का प्रोडक्शन भी इसमें शामिल होता है।

कितने प्रकार की होती है GDP?

GDP दो तरह की होती हैं- रीयल और नॉर्मल। रीयल GDP के तहत बेस ईयर (2011-12) के स्थिर दामों पर कैलकुलेट होती है। ये असली आर्थिक वृद्धि दिखाती है।

इसके अलावा नॉर्मल GDP में मौजूदा (Current) दामों पर कैलकुलेट होती है।

कुल मिलाकर, 8 प्रतिशत से ऊपर की यह लगातार दूसरी तिमाही की मजबूत वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार और लचीलेपन को रेखांकित करती है। विनिर्माण, निर्माण और सेवा क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन ने अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार दी है, भले ही कृषि क्षेत्र में वृद्धि मध्यम रही हो और सरकारी खर्च में कुछ कमी आई हो। यह आंकड़े चालू वित्त वर्ष के लिए 7.5-8 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि की उम्मीदों को और मजबूत करते हैं।

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