India-France Relations: पीएम मोदी-मैक्रों की फोन पर बड़ी बातचीत- यूक्रेन संकट समेत कई अहम मुद्दों पर की चर्चा

पीएम मोदी-मैकрон की बातचीत, रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर (file photo)
भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच हुई हालिया टेलीफोनिक बातचीत ने न सिर्फ दोनों देशों के रिश्तों को मजबूती दी, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में सहयोग को भी नई धार दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति मैक्रों के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की और सकारात्मक मूल्यांकन किया। यूक्रेन में संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के प्रयासों सहित अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।”
Had a very good conversation with President Macron. We reviewed and positively assessed the progress in bilateral cooperation in various areas. Exchanged views on international and regional issues, including efforts for bringing an early end to the conflict in Ukraine. The…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2025
बातचीत के प्रमुख बिंदु
- रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर
- व्यापार और निवेश को नए आयाम देने पर सहमति
- ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त प्रयास
- अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान
- यूक्रेन संकट के समाधान के लिए कूटनीतिक प्रयासों पर बल
यूक्रेन संकट पर चर्चा
दोनों नेताओं ने विशेष रूप से यूक्रेन संघर्ष पर चिंता व्यक्त की। भारत और फ्रांस का मानना है कि इस संकट का समाधान कूटनीति और संवाद से ही संभव है। दोनों देशों ने वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए मिलकर प्रयास करने पर सहमति जताई।
रणनीतिक साझेदारी का महत्व
भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी लंबे समय से दोनों देशों के लिए लाभकारी रही है। यह सहयोग न केवल रक्षा और तकनीक के क्षेत्र में बल्कि वैश्विक मंचों पर भी मजबूत समन्वय प्रदान करता है। दोनों नेताओं ने माना कि आने वाले समय में यह साझेदारी जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक शांति जैसी चुनौतियों से निपटने में अहम भूमिका निभाएगी।
