भारत-पाक तनाव: सीजफायर पर PM मोदी की अमेरिका को दो-टूक, बोले- वहां से गोली चलेगी तो यहां से गोला; सेना को खुली छूट

India-Pakistan Tension: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीजफयर उल्लंघन पर पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी है। कहा, वहां से गोली चलेगी तो यहां गोला चलाएंगे। पीएम मोदी ने रविवार (11 मई) को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से हुई बातचीत में भी स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान यदि युद्ध विराम का उल्लंघन करता है तो भारत भीषण वार करेगा। सेनाओं को खुली छूट दे दी गई है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से स्पष्ट कह दिया है कि पाकिस्तान अगर कुछ करता है तो जवाब विनाशकारी और कड़ा होगा। पाकिस्तान ने 9 मई की रात भारत के 26 ठिकानों पर हमले किए। जिसका भारत ने करारा जवाब दिया है। उनके ठिकानों पर हमले किए गए।
Indian Army tweets, "Consequent to the ceasefire and airspace violations on night of 10-11 May 2025, Chief of Army Staff General Upendra Dwivedi reviewed the security situation with the Army Commanders of the Western Borders. The Chief of Army Staff has granted full authority to… pic.twitter.com/DsLLYaPSLl
— ANI (@ANI) May 11, 2025
पश्चिमी सीमा के सेना कमांडरों की बैठक
भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार (11 मई) पश्चिमी सीमा के सेना कमांडरों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने युद्ध विराम उल्लंघन और हवाई सीमा में घुसपैठ की समीक्षा करते हुए मौजूदा सुरक्षा हालातों की जानकारी ली। साथ ही कहा, 10 मई 2025 की डीजीएमओ वार्ता में बनी सहमति के उल्लंघन पर जवाबी कार्रवाई के लिए सेना पूर्ण रूप से स्वतंत्र है।
सीजफायर को लेकर NSA स्तर पर नहीं हुई बात
ANI ने सोर्स के हवाले से यह भी बताया कि सीजफायर को लेकर सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर कोई बात नहीं हुई। दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच ही सहमति बनी है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 1 मई को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से फोन पर हुई बातचीत में स्पष्ट कर दिया था कि हम पाकिस्तान में आतंकवादियों पर हमला करेंगे।
आतंकवादियों को सौंपने की शर्त पर ही वार्ता
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ। कश्मीर को लेकर भारत की स्थिति बहुतस्पष्ट है। वह पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी चाहता है। पाकिस्तान के साथ अगली बातचीत आतंकवादियों को सौंपने की शर्त पर ही संभव है। भारत इस मुद्दे पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता भी नहीं चाहता है।
