IAS Ajay Kumar: पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार बने UPSC चेयरमैन, प्रीति सूदन की जगह लेंगे; जानें उनकी उपलब्धियां

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UPSC chairman Ajay Kumar
UPSC के नए चेयरमैन अजय कुमार केरल कैडर के 1985 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। 23 अगस्त, 2019 से 31 अक्टूबर, 2022 तक रक्षा सचिव रहे।
UPSC Chairman Ajay Kumar: भारत के पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार (13 मई) को अजय कुमार की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वह निवर्तमान चेयरपर्सन प्रीति सूदन का स्थान लेंगे। प्रीति सूदन का कार्यकाल 29 अप्रैल को पूरा हो गया है।
कौन हैं UPSC के नए अध्यक्ष अजय कुमार?
- अजय कुमार केरल कैडर के 1985 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। उन्होंने 23 अगस्त, 2019 से 31 अक्टूबर, 2022 तक रक्षा सचिव के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। इस दौरान उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, अग्निवीर योजना, आत्मनिर्भर भारत पहल और आयुध कारखानों के निगमीकरण जैसे परिवर्तनकारी रक्षा सुधारों का नेतृत्व किया। रक्षा सचिव के रूप में रिटायर्ड होने वाले भारत के सबसे वरिष्ठ नौकरशाह हैं।
- अजय कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय में शीर्ष अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाली है। उन्होंने यूपीआई, आधार, मायगॉव और सरकारी ई-मार्केटप्लेस जैसी डिजिटल इंडिया परियोजनाएं लागू करने में अहम भूमिका निभाई है। भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2012 तैयार की थी।
- अजय कुमार ने भाजपा, कांग्रेस और वामपंथी सरकारों के साथ काम किया। केंद्र और केरल सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके अजय कुमार केल्ट्रॉन के प्रमुख सचिव और एमडी भी रहे।
- अजय कुमार ने मिनेसोटा विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी और एप्लाइड इकोनॉमिक्स में एमएस की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा, आईआईटी कानपुर से बीटेक स्नातक और भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियर अकादमी में स्कॉलर रहे हैं।
यूपीएससी क्या है?
यूपीएससी आईएएस, भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा करता है। यूपीएससी एक अध्यक्ष और अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं। वर्तमान में दो सदस्यों का पद रिक्त हैं। यूपीएससी अध्यक्ष को 6 साल की अवधि या 65 वर्ष की आयु तक के लिए नियुक्त किया जाता है।
