पाकिस्तान को आईएमएफ की मदद: IMF के पास कहां से आता है पैसा? जानें उद्देश्यों से लेकर नीतियों तक सब कुछ

how IMF get money
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का दावा कि आईएमएफ ने एक बिलियन डॉलर का ऋण स्वीकार कर लिया है। 

IMF ने पाकिस्तान को एक बिलियन डॉलर देने की घोषणा कर दी है। आइये बताते हैं कि आईएमएफ आखिरकार कहां से पैसा लाता है और क्या हैं उसकी नीतियां

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का ऋण देने का ऐलान करके सुर्खियों में आ गया है। खास बात है कि IMF ने कई सालों तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा, लेकिन 2022 में से उसे इस प्रतिबंध से बाहर निकाल दिया। अब जब पाकिस्तान लगातार भारत पर हमले कर रहा है, तो पाक के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया है कि आईएमएफ ने एक अरब डॉलर ऋण की घोषणा की है। शहबाज शरीफ का यह दावा सभी को चौंका रहा है। भारत की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। बहरहाल बताते हैं कि आईएमएफ आखिर पैसा कहां से लाता है, जिसे वो पाकिस्तान जैसे देशों की मदद के लिए भी जारी कर देता है।

आईएमएफ संगठन में 191 देश शामिल
आईएमएफ संगठन में भारत समेत 191 देश शामिल हैं, जो कि सतत विकास और समृद्धि हासिल करने की दिशा में सार्थक कदम उठाता है। इसके तीन मुख्य उद्देश्य हैं। पहला उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग बढ़ाना, दूसरा उद्देश्य व्यापार और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और तीसरा उद्देश्य आतंकवाद जैसी गतिविधियां, जो कि देश की समृद्धि को नुकसान पहुंचाती है। चूंकि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और भारत पर हमला कर रहा है, तो आईएमएफ को इस पर गौर करना चाहिए था। बावजूद इसके आईएमएफ ने इस पहलु को नजरअंदाज कर पाकिस्तान को एक अरब डॉलर ऋण देने पर सहमति दे दी है, जिससे आतंक विरोधी देशों के लिए भी झटके जैसा है।

IMF कहां से लाता है पैसा
आईएमएफ अपने सदस्य देशों से उसकी आर्थिक स्थिति और जीडीपी जैसे कई बिंदुओं के आधार पर एक कोटा तैयार करता है, जिसके अनुसार तय राशि ली जाती है। इसके अलावा, जो देश आईएमएफ की सदस्यता लेना चाहता है, उससे भी राशि ली जाती है। इसके अलावा आईएमएफ वो अपने फंड से ब्याज वसूलने के साथ ही अमेरिका और जापान जैसे विकसित देशों से स्वयं भी ऋण ले सकता है। आईएमएफ अपने सदस्य देशों से भी द्विपक्षीय ऋण समझौते के तहत उधार ले सकता है।

पाकिस्तान समेत ये देश बड़े कर्जदार
पाकिस्तान कंगाली की कगार पर है। इसके अलावा अर्जेन्टीना, यूक्रेन, इक्वाडोर, कोलम्बिया, मिस्र, अंगोला, केन्या और बांग्लादेश के ऊपर सबसे ज्यादा कर्ज है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पर 8.3 बिलियन डॉलर का कर्जा है। इस सूची में अर्जेन्टीना 40.9 अरब बिलियन डॉलर के साथ पहले स्थान पर है, जबकि बॉग्लादेश पर 2.69 बिलियन डॉलर का कर्जा है। युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन पर 14.6 बिलियन डॉलर का कर्जा है।

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