गाजा शांति पहल: मोदी ने ट्रम्प की सराहना की, हमास ने बंधकों की रिहाई पर जताई सहमति

गाजा शांति पहल: मोदी ने ट्रम्प की सराहना की (file photo)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गाजा में उभरते शांति ढांचे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भूमिका की सराहना की। यह बयान उस समय आया जब हमास ने बंधकों को रिहा करने और ट्रम्प की शांति योजना के कुछ हिस्सों को स्वीकार करने की इच्छा जताई।
मोदी ने एक्स पर कहा, “हम गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व की सराहना करते हैं। बंधकों की रिहाई का संकेत एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत “स्थायी और न्यायपूर्ण शांति” का समर्थन करता रहेगा और मध्य पूर्व में स्थिरता और सुलह की आवश्यकता पर बल दिया।
We welcome President Trump’s leadership as peace efforts in Gaza make decisive progress. Indications of the release of hostages mark a significant step forward.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2025
India will continue to strongly support all efforts towards a durable and just peace.@realDonaldTrump @POTUS
अमेरिका-भारत संबंधों की पृष्ठभूमि
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब भारत-अमेरिका संबंध हालिया व्यापारिक तनावों के कारण चुनौतीपूर्ण रहे हैं। अगस्त 2025 में ट्रम्प ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया था। भारत ने इसे "अनुचित" बताया।
हाल ही में रिश्ते सुधारने के लिए कदम उठाए गए, जिनमें सितंबर 2025 में ट्रम्प द्वारा मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं और मोदी की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया शामिल है।
अक्टूबर 2025 की शुरुआत में ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर मोदी का संदेश रीपोस्ट किया, जिसमें मोदी ने गाजा शांति योजना को “दीर्घकालिक शांति का व्यवहार्य मार्ग” बताया था। इसे सकारात्मक कूटनीतिक संकेत माना जा रहा है।
हमास की पेशकश और वैश्विक प्रतिक्रिया
शुक्रवार को हमास ने घोषणा की कि वह ट्रम्प समर्थित ढांचे के तहत सभी बंधकों- चाहे जीवित हों या मृत को रिहा करने को तैयार है और मध्यस्थों के जरिए तत्काल बातचीत चाहता है।
इस घोषणा पर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आईं
कनाडा ने स्वागत करते हुए हमास से सत्ता छोड़ने और इजरायल के साथ सह-अस्तित्व वाले लोकतांत्रिक फिलिस्तीनी राज्य की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र ने युद्धविराम, बंधकों की बिना शर्त रिहाई और मानवीय सहायता की मांग दोहराई।
फ्रांस और कतर ने इस पहल को “सावधानीपूर्ण लेकिन सकारात्मक कदम” बताया और विश्वास व जवाबदेही पर आधारित समझौते पर जोर दिया।
निष्कर्ष: गाजा संकट में यह घटनाक्रम शांति की ओर एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है। मोदी और ट्रम्प की सक्रियता के बीच अब वैश्विक निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह पहल वास्तव में लंबे समय तक टिकाऊ शांति का रास्ता खोलेगी।
