जगदीप धनखड़: इस्तीफे के 40 दिन बाद खाली किया बंगला, चौटाला फार्महाउस अब नया ठिकाना

जगदीप धनखड़ ने 40 दिन बाद खाली किया बंगला, चौटाला फार्महाउस नया ठिकाना
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जगदीप धनखड़ ने 40 दिन बाद खाली किया बंगला, चौटाला फार्महाउस नया ठिकाना 

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफे के 42 दिन बाद सरकारी आवास खाली किया। अब वे अभय चौटाला के फार्महाउस में रहेंगे। जानें उनका राजनीतिक कॅरियर।

Jagdeep Dhankhar Chautala farmhouse: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के 42 दिन बाद सोमवार (1 सितंबर) को अपना सरकारी आवास खाली कर दिया। अब वे दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में स्थित इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के नेता अभय चौटाला के फार्महाउस में रहेंगे। विपक्ष उन्हें लेकर तरह तरह के आरोप लगा रहा था।

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ चौटाला परिवार के फार्महाउस में तब तक रहेंगे, जब तक कि उन्हें टाइप-8 श्रेणी का सरकारी बंगला आवंटित नहीं हो जाता।

धनखड़-चौटाला परिवार में पुराने रिश्ते

जगदीप धनखड़ और चौटाला परिवार के बीच पुराने रिश्ते हैं। INLD नेता अभय चौटाला ने एक मीडिया समूह को बताया कि धनखड़ जी के साथ दशकों पुराना संबंध हैं। फार्महाउस में ठहरने के लिए हमने ही आग्रह किया था। उन्होंने विनम्रतापूर्वक हमारा निवेदन स्वीकार किया।

देवीलाल के समर्थन से बने थे सांसद

जगदीप धनखड़ हरियाणा के दिग्गज नेता चौधरी देवीलाल से 1980 के दशक में जुड़े थे। तब वह राजस्थान में वकालत करते थे। देवीलाल ने 1980 के दशक में उन्हें भविष्य का नेता बताया था। 1989 में देवीलाल के समर्थन से ही धनखड़ पहली बार सांसद निवार्चित हुए। झुंझुनूं लोकसभा सीट से सांसद बनने के बाद वे केंद्रीय मंत्री भी बनाए गए।

स्वास्थ्य कारणों से दिया था इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले ही दिन 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अचानक इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के बाद से वे नजर नहीं आए। विपक्ष ने 'हाउस अरेस्ट' किए जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए। हालांकि, सरकार ने जवाब नहीं दिया। फिलहाल, धनखड़ फैमिली टाइम के साथ-साथ टेबल टेनिस खेलने और योगाभ्यास में समय बिता रहे हैं।

उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर को

धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन उनके अचानक इस्तीफे के कारण चुनाव प्रक्रिया शुरू की गई है। 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के लिए मतदान है। एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन और विपक्ष ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है।

पेंशन के लिए किया आवेदन

जगदीप धनखड़ ने 30 अगस्त को राजस्थान विधानसभा सचिवालय में पूर्व विधायक पेंशन के लिए आवेदन किया था। 1993-1998 के बीच वे राजस्थान के किशनगढ़ से कांग्रेस विधायक रहे। जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त होने के बाद यह पेंशन बंद हो गई थी।

महाभियोग का किया सामना

धनखड़ भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहले उपराष्ट्रपति हुए, जिनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया। विपक्ष की ओर से यह प्रस्ताव दिसंबर 2024 में पेश किया गया। हालांकि, तकनीकी कारणों से खारिज हो गया। विपक्ष उन पर पक्षपात करने और आवाज़ दबाने के आरोप लगातार लगाता रहा।

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