VS अच्युतानंदन का निधन: केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ने 101 की उम्र में ली अंतिम सांस, PM मोदी ने जताया शोक

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन का सोमवार (21 जुलाई) को 101 साल की उम्र में निधन हो गया।
VS Achuthanandan passes away: केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के संस्थापक सदस्यों में शामिल वी.एस. अच्युतानंदन का सोमवार (21 जुलाई) को निधन हो गया। 101 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। पार्टी की ओर से उनके निधन की पुष्टि की गई है। वी.एस. अच्युतानंदन बीते कई दिनों से तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे और उनका स्वास्थ्य लगातार नाजुक बना हुआ था। उन्हें 23 जून को हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल में एडमिट कराया गया था।
पीएम मोदी सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया
पूर्व सीएम अच्युतानंदन के निधन की खबर के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, वित्त मंत्री केएन बालगोपाल और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता अस्पताल पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ''पूर्व मुख्यमंत्री श्री वी.एस. अच्युतानंदन जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने अपना पूरा जीवन केरल की प्रगति और जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया।''
Saddened by the passing of former Kerala CM Shri VS Achuthanandan Ji. He devoted many years of his life to public service and Kerala's progress. I recall our interactions when we both served as Chief Ministers of our respective states. My thoughts are with his family and… pic.twitter.com/hHBeC4LEKf
— Narendra Modi (@narendramodi) July 21, 2025
कौन थे वी.एस. अच्युतानंदन?
वी.एस. अच्युतानंदन का जन्म 20 अक्टूबर 1923 को अलप्पुझा जिले के पुनप्रा में हुआ था। उन्हें केरल की राजनीति का कद्दावर चेहरा माना जाता था। वह 2006 से 2011 तक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। सामाजिक न्याय और श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले अच्युतानंदन CPI(M) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 1964 में जब कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन हुआ, तो CPI(M) की स्थापना करने वालों में उनका नाम सबसे ऊपर था।
उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में 10 विधानसभा चुनाव लड़े, जिनमें से 7 में जीत दर्ज की। वे 1980 से 1992 तक CPI(M) के राज्य सचिव भी रहे और पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया।
2016 में 93 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने मलमपुझा सीट से जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में स्वास्थ्य कारणों से पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी पिनाराई विजयन को सौंप दी गई थी।
वी.एस. अच्युतानंदन का निधन भारतीय राजनीति में एक युग के अंत की तरह है। उनका अंतिम संस्कार कब और कहां होगा, इसकी आधिकारिक जानकारी जल्द जारी की जाएगी।
