Fauja Singh: अवसाद से उबरने मैराथन चुनी, 89 उम्र में बनाए रिकॉर्ड; जानें कौन थे धावक फौजा सिंह?

पंजाब : मैराथन के दिग्गज फौजा सिंह की दुर्घटना में मौत
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पंजाब : मैराथन के दिग्गज फौजा सिंह की दुर्घटना में मौत 

दुनिया के सबसे बुज़ुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह का 114 वर्ष की उम्र में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। पढ़ें उनकी प्रेरणादायक यात्रा और विरासत की पूरी कहानी।

Fauja Singh Passed Away : दुनिया के सबसे बुज़ुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह का सोमवार (14 जुलाई) शाम निधन हो गया। वे 114 वर्ष के थे। पंजाब के ब्यास गांव में एक अज्ञात वाहन ने फौजा सिंह को टक्कर मार दी। परिजनों ने जालंधर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सोमवार दोपहर करीब 3:30 बजे फौजा सिंह सड़क पार कर रहे थे, तभी सामने से आए तेज रफ्तार वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे के बाद वाहन चालक फरार हो गया। पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। आसपास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

जीवन की अद्भुत यात्रा

  • फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1911 को हुआ था। जीवनी लेखक खुशवंत सिंह की किताब "माई टर्बनड टोर्नेडो" के मुताबिक, फौजा सिंह पांच साल की उम्र तक ठीक से चल नहीं पाते थे, लेकिन बड़े होकर एक शौकिया धावक बने।
  • फौजा सिंह ने भारत-पाक विभाजन और फिर दुर्घटनाओं व अन्य त्रासदियों का दंश झेलते रहे। परिवार के कई सदस्यों को खोने के बाद वे अवसाद में चले गए। उससे उबरने के लिए दौड़ना शुरू किया।
  • 1990 के दशक में इंग्लैंड जाकर बेटे के साथ रहने लगे। वहां 89 वर्ष की आयु में उनका मैराथन का शौक जागा और फिर प्रोफेशनल धावक बन गए। लंदन, न्यूयॉर्क, टोरंटो और हांगकांग जैसी कई अंतरराष्ट्रीय मैराथनों में न सिर्फ भाग लिया बल्कि कई रिकॉर्ड बनाए।

विश्व स्तर पर पहचान

फौजा सिंह को “पगड़ी वाला बवंडर” के नाम से जाना जाता था। उन्होंने कई उम्र-दराज धावकों के लिए प्रेरणा का काम किया। उनकी फिटनेस, जीवनशैली और अनुशासन का लोग सम्मान करते थे।

शोक संदेश और श्रद्धांजलियां

  • पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने फौजा सिंह के निधन पर दुख जताया है। कहा, 114 वर्ष की उम्र में भी वे युवा धावकों की तरह प्रेरणा देते थे। उनका निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। मुझे गर्व है कि दिसंबर 2024 में नशा मुक्त अभियान में उनके साथ चलने का मौका मिला था।

  • फौजा सिंह के निधन पर चंडीगढ़ के लेखक खुशवंत सिंह ने दुख जताया। उन्होंने अपने X हैंडल पर लिखा-मेरा पगड़ीधारी टॉरनेडो अब नहीं रहा। सोमवार दोपहर 3:30 बजे उनके गाँव बियास में सड़क पार करते समय अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। मेरे प्रिय फ़ौजा, उनकी आत्मा को शांति मिले
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