ECI की बड़ी कार्रवाई: तमिलनाडु की 42 पार्टियों का पंजीयन रद्द, BJP-DMK के सहयोगी दलों पर भी एक्शन

चुनाव आयोग की कार्रवाई: तमिलनाडु की 42 राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द
ECI Action in Tamil Nadu: चुनाव आयोग (Election Commission) ने तमिलनाडु में बड़ी कार्रवाई की है। विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे 42 राजनीतिक दलों का पंजीयन रजिस्ट्रर्ड दलों की सूची से हटा दिया। ECI ने जिन 42 पार्टियों कें खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें सत्तारूढ़ डीएमके और बीजेपी के सहयोगी दल भी शामिल हैं। यह दल वर्षों में राज्य और केंद्र की राजनीति में सक्रिय हैं।
6 साल से चुनाव न लड़ने पर एक्शन
चुनाव आयोग ने यह कदम उन दलों के खिलाफ उठाया है, जिन्होंने 6 साल से किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। अथवा निर्वाचन खर्च और ऑडिट रिपोर्ट जैसी जरूरी जानकारियां आयोग को नहीं सौंपी।
क्या है जन प्रतिनिधित्व अधिनियम
चुनाव आयोग जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 29A के तहत अगर कोई पार्टी तय मापदंडों को पूरा नहीं करती, तो उसे रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों की सूची से हटाया जा सकता है।
इन प्रमुख दलों पर भी कार्रवाई
- मनिथानेया मक्कल काची (एमएमके): डीएमके की सहयोगी, 2 विधायक
- कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (केएमडीके): 1 विधायक, 1 सांसद, डीएमके की सहयोगी
- तमिलागा मक्कल मुनेत्र कड़गम (टीएमएमके): बीजेपी की सहयोगी, 2024 में तेनकासी से चुनाव लड़ा
- मणिथानेया जननायगा काची (एमजेके): AIADMK के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ चुकी
- पेरुंथलाइवर मक्कल काची: 2016 और 2021 में AIADMK के साथ रही
इनमें से अधिकांश दलों ने अपने-अपने चुनाव अन्य दलों के चिन्ह पर लड़े, जिससे उनकी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान कमजोर रही।
चुनाव खर्च और ऑडिट रिपोर्ट न देने पर सख्ती
चुनाव आयोग ने तमिलनाडु की 42 पार्टियों का पंजीयन रद्द करने के साथ 39 अन्य दलों को चिन्हित किया है। इन पार्टियों ने पिछले तीन वर्षों (2021–2024) में अपना वार्षिक ऑडिट अकाउंट आयोग को नहीं सौंपा। ऐसे दलों की पहचान कर आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है। अगर तय समय में जरूरी दस्तावेज नहीं दिए गए, तो इन पर भी रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई होगी।
देशभर में 808 पार्टियों के रजिस्ट्रेशन रद्द
चुनाव आयोग ने बताया कि पिछले दो माह के अंतराल में देश की 808 राजनीतिक पार्टियों को सूची से हटाया गया है। साथ ही 359 दलों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। आने वाले दिनों में 833 पार्टियां सूची से बाहर हो सकती हैं।
चुनाव आयोग ने क्यों की ये कार्रवाई?
भारतीय चुनाव आयोग ने इस कार्रवाई की वजह स्पष्ट किया है। बताया कि चुनाव प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए यह एक आवश्यक कदम है। देश में केवल वही दल सक्रिय रहने चाहिए, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं।
