Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की सिफारिश, कॉलेजियम ने प्रस्तावित किए तीन हाईकोर्ट जजों के नाम

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Supreme Court Judges Appointment : सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने देश के तीन उच्च न्यायालयों – कर्नाटक, गुवाहाटी और बॉम्बे हाईकोर्ट – से तीन न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त करने की सिफारिश की है। सीजेआई बीआर गवई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने यह सिफारिश सोमवार, 26 मई 2025 को जारी की है।

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने के बाद नए मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता में गठित कॉलेजियम द्वारा की गई यह पहली प्रमुख नियुक्ति सिफारिश है। इनमें बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एएस चंदुरकर के अलावा कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी अंजारिया (मूल उच्च न्यायालय गुजरात) और गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई (मूल उच्च न्यायालय राजस्थान है) का नाम भी शामिल है।

न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर ने लिखी दो पुस्तकें
न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर की कानूनी समझ काफी गहरी हैं। उन्होंने दो पुस्तकें भी लिखी हैं। 21 जून 2013 को बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किए गए जस्टिस चंदुरकर ने महाराष्ट्र नगर परिषद नगर पंचायत और औद्योगिक टाउनशिप अधिनियम-1965 और महाराष्ट्र किराया नियंत्रण अधिनियम-1999 नामक पुस्तकें लिखी है।

जस्टिस निलय विपिनचंद्र अंजारिया कौन हैं?
कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस निलय विपिनचंद्र अंजारिया (N.V. Anjaria) का जन्म 23 मार्च 1965 को अहमदाबाद गुजरात में हुआ। 1988 में गुजरात उच्च न्यायालय में सीनियर अधिवक्ता एसएन शेलट के अधीन वकालत शुरू की। 21 नवंबर 2011 को गुजरात उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश बने। 6 सितंबर 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में मान्यता मिली। 25 फरवरी 2024 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

जस्टिस विजय बिश्नोई का कॅरियर सफर
गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विजय बिश्नोई ने अपने करियर की शुरुआत 8 जुलाई 1989 राजस्थान से वकालत के रूप में की थी। 8 जनवरी 2013 को राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त हुए। 5 फरवरी 2024 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश बने। राजस्थान में वकालत के दौरान उन्होंने ग्रामीण विकास, पंचायत राज, स्टांप एवं पंजीकरण, सहकारिता, श्रम, परिवहन और उत्पाद शुल्क विभागों के लिए बतौर अधिवक्ता सेवाएं दी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), राजस्थान राज्य विद्युत बोर्ड और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का भी प्रतिनिधित्व किया।

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