ऑपरेशन सिंदूर: उप सेना प्रमुख के बयान से चीन की भूमिका पर उठे रणनीतिक सवाल, कांग्रेस बोली-संसद में बहस हो

Congress on India China Tension
Congress on India China Tension: भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख (क्षमता विकास और संधारण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने शुक्रवार (4 जुलाई) को ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज’ कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा, इस सैन्य कार्रवाई के दौरान भारत को एक नहीं बल्कि तीन मोर्चों पर जूझना पड़ा। हमारी सेना पाकिस्तान के साथ चीन और तुर्की के षणयंत्रों का भी सामना कर रही थी। चीन संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान को साझा कर रहा था। कांग्रेस ने इस पर संसद में बहस की मांग की है।
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने बताया कि पाकिस्तान के पास मौजूद 81% सैन्य हार्डवेयर चीनी थे। चीन द्वारा ही उसे रियल टाइम इंटेलिजेंस सपोर्ट मिल रहा था। इसके अलावा, तुर्की ने पाकिस्तान को बैरकटर ड्रोन और अन्य तकनीकी संसाधन भी मुहैया कराए।
VIDEO | Delhi: Lieutenant General Rahul R Singh, Deputy Chief of Army Staff (Capability Development and Sustenance) says, "Few lessons that I thought I must flag as far as 'Operation Sindoor' is concerned. Firstly, one border, two adversaries. Pakistan was a front face. We had… pic.twitter.com/n4qM1wbCkB
— Press Trust of India (@PTI_News) July 4, 2025
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने क्या कहा?
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन द्वारा भारत की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को साझा की जा रही थी। इससे भारतीय डिफेंस सिस्टम पर दबाव बढ़ा। उन्होंने कहा, अब हमें अपनी एयर डिफेंस क्षमता को और मजबूत करना होगा, क्योंकि अगली बार दुश्मन हमारी जनसंख्या केंद्रों को निशाना बना सकता है।
कांग्रेस ने उठाई संसद में बहस की मांग
- सेना के इस बयान के बाद कांग्रेस ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। पार्टी के संचार प्रमुख राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा, यह स्पष्ट हो चुका है कि भारत की वास्तविक चुनौती चीन है, न कि केवल पाकिस्तान।
- जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि चीन पाकिस्तान की वायुसेना का सूक्ष्म प्रबंधन कर रहा था और अमेरिका के हस्तक्षेप से ही ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोका गया।
- कांग्रेस सांसद ने मांग की है कि संसद सत्र में चीन से जुड़ी सामरिक और कूटनीतिक चुनौतियों पर विस्तृत बहस होनी चाहिए। पार्टी ने यह भी कहा कि अब सरकार को रक्षा, कूटनीति और अर्थव्यवस्था में चीन नीति पर स्पष्टता लानी चाहिए।
#WATCH | दिल्ली: उप सेना प्रमुख के इस बयान पर कि चीन ने भारतीय संपत्तियों का लाइव डेटा साझा किया और तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन मुहैया कराए, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "उप सेना प्रमुख ने जो कहा है, वह एक अहम खुलासा है। हमारा और सभी विशेषज्ञों का मानना था कि ऑपरेशन सिंदूर… pic.twitter.com/d6nuZ6U6Au
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 4, 2025
सर्वदलीय बैठक को औपचारिकता बताया
कांग्रेस सांसद रमेश ने सर्वदलीय बैठक को औपचारिकता बताया। कहा, डेढ़ घंटे चली पिछली बैठक में जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और किरेन रिजिजू आए। हम सबने अपनी अपनी बातें कही। उन्होंने नोट किया, लेकिन हुआ कुछ नहीं, क्योंकि गृह मंत्री और प्रधानमंत्री तो आते ही नहीं हैं, जिन्हें कुछ करना है। इतनी गंभीर सामरिक चुनौतियां हैं। चीन, पाकिस्तान, अमेरिका, बांग्लादेश, आर्थिक मुद्दे, बेरोज़गारी के मुद्दे पर हम अपनी बात रखते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता।
चीन-पाक-तुर्की गठबंधन का नया अध्याय
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान भारत की सुरक्षा नीति में बड़ी पुनर्रचना की ज़रूरत की ओर इशारा करता है। चीन द्वारा पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ त्रिपक्षीय रक्षा बैठक की खबरें भी सामने आई हैं, जो आने वाले समय में भारत की सामरिक स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं।