SCO बैठक में राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश: आतंकवाद पर भारत का अडिग रुख; संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार

Rajnath Singh: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन में हैं। गुरुवार (26 जून) को रक्षा मंत्री ने पोर्ट सिटी किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शिकरत की। राजनाथ सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र किया। आतंकवाद, शांति और सुरक्षा सहित कई अहम मुद्दों पर बात की। राजनाथ सिंह ने कहा- कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्हें समझना होगा कि अब आतंकवाद के एपिसेंटर सेफ नहीं हैं।
#WATCH क़िंगदाओ, चीन | एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "...कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना… pic.twitter.com/d4b7I82Etm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2025
आतंकवाद बड़ी चुनौती
राजनाथ ने कहा-मेरा मानना है कि सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं। इन समस्याओं की असल वजह कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद में बढ़ोतरी है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है और हमें अपनी सामूहिक सुरक्षा और संरक्षा के लिए इन बुराइयों के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होना चाहिए।
#WATCH क़िंगदाओ, चीन | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में कहा, "मेरा मानना है कि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियाँ शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से जुड़ी हैं। इन समस्याओं का मूल कारण कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद में वृद्धि है। शांति-समृद्धि और… pic.twitter.com/caZR3uXy8s
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2025
संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से किया इनकार
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में पाकिस्तान और चीन को कड़ा संदेश देते हुए संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर समझौता नहीं हो सकता, खासकर जब 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले जैसे गंभीर मुद्दों का उसमें कोई ज़िक्र ही नहीं है।
राजनाथ सिंह ने सीमा पार आतंकवाद पर परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकियों और उनके समर्थकों को जवाबदेह ठहराना होगा। उन्होंने दोहरे मापदंड अपनाने वालों की एससीओ द्वारा आलोचना की मांग की।
उन्होंने कहा, "शांति और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते।" साथ ही चेतावनी दी कि जो देश आतंकवाद को रणनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
राजनाथ ने आगे कहा-भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति आज हमारे एक्शन में भी नजर आती है। इसमें आतंकवाद के खिलाफ स्वयं की रक्षा करने का हमारा अधिकार भी शामिल है। हमने दिखाया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।
कोई भी देश अकेले वैश्विक चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता
राजनाथ सिंह ने कहा-भारत का मानना है कि रिफॉर्मेड मल्टिलेटरिजम देशों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए संवाद और सहयोग के लिए तंत्र बनाने में मदद कर सकता है। राजनाथ ने कहा कि कोई भी देश कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो, वह अकेले वैश्विक चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता। वास्तव में बहुपक्षवाद की बुनियादी सोच यह है कि सभी देशों को परस्पर और साझा हितों के लिए मिलकर काम करना चाहिए। यह विचार भारतीय संस्कृति की प्राचीन कहावत 'सर्वे जना सुखिनो भवन्तु' अर्थात् सबका कल्याण और समृद्धि हो से मेल खाता है।
राजनाथ सिंह ने PAK रक्षामंत्री से नहीं की मुलाकात
बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद थे। दूसरी तरफ राजनाथ सिंह ने बैठक में पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ से भी मुलाकात नहीं की है।
क्या है SCO?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक बहुपक्षीय क्षेत्रीय संगठन है। संगठन की स्थापना वर्ष 2001 में छह देशों—चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान—द्वारा की गई थी। इसके बाद भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए। वर्ष 2023 में ईरान ने भी सदस्यता प्राप्त की। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करना है। SCO आतंकवाद, कट्टरपंथ, मादक पदार्थों की तस्करी और साइबर अपराध जैसे गंभीर मुद्दों पर साझा प्रयास और रणनीतियाँ विकसित करता है।
