दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे ब्रिज: A से Z तक पूरी जानकारी

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Chenab Bridge: भारत ने एक बार फिर दुनिया को अपनी इंजीनियरिंग क्षमता का लोहा मनवाया है। जम्मू-कश्मीर में बना चिनाब रेल पुल अब दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बन चुका है।

Chenab Bridge: जम्मू-कश्मीर में बना चिनाब रेल पुल अब दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बन चुका है। यह पुल चिनाब नदी से 359 मीटर ऊंचा है, यानी यह पेरिस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पुल का उद्घाटन किया है, कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से सीधा और मजबूत रेल संपर्क मिलेगा। इससे जहां आम लोगों का आना-जाना आसान होगा, वहीं कश्मीरी कारोबारियों और पर्यटन को भी बड़ा फायदा मिलेगा।

USBRL परियोजना का हिस्सा
1,315 मीटर लंबा यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है। चिनाब पुल के दोनों छोर कौड़ी और बक्कल गांव को जोड़ते हैं, और यह पुल चिनाब नदी के ऊपर इन दोनों गांवों को जोड़ता है। इस पुल का निर्माण मुख्य रूप से एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने किया है, जो कि शापूरजी पलोनजी ग्रुप की एक अग्रणी कंपनी है। इसके साथ-साथ दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग, वीएसएल इंडिया, डब्ल्यूएसपी फिनलैंड, और जर्मनी की लियोनहार्ड्ट एंड्रा एंड पार्टनर जैसी कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी इसमें योगदान दिया।


भारतीय इंजीनियरिंग की पहचान
DRDO की भूमिका भी बेहद खास रही, जिसने इस पुल को ब्लास्ट-प्रूफ बनाने में तकनीकी सहायता दी, जिससे यह रणनीतिक रूप से और भी अहम बन गया है। कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी उत्तरी रेलवे की ओर से की। एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर पहले भी कोलकाता की अंडरवाटर मेट्रो और अबू धाबी का भव्य हिंदू मंदिर जैसी परियोजनाएं दर्ज हैं। अब चिनाब ब्रिज ने इसे भारतीय इंजीनियरिंग की पहचान का प्रतीक बना दिया है।

सामरिक और रणनीतिक महत्व:

  • सुरक्षा बलों की तेज़ आवाजाही में मदद।
  • पाकिस्तान और चीन से सटी सीमा पर रणनीतिक बढ़त।
  • आपदा के समय में रैपिड एक्सेस सुनिश्चित।

चिनाब रेलवे ब्रिज में क्या है खास:

चिनाब रेलवे ब्रिज का निर्माण अफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर (भारत), वीएसएल इंडिया, और दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन की साझेदारी में किया गया है। यह एक स्टील आर्क का अद्भुत नमूना है, जिसे कनाडाई कंपनी WSP ने डिजाइन किया है।

ऊंचाई

  • 359 मीटर (नदी तल से), एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा
  • लंबाई, 1.31 किलोमीटर
  • स्टील अमाउंट, 28,660 मेगाटन स्टील का उपयोग
  • प्रोजेक्ट का हिस्सा, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL)
  • लोकेशन, रियासी जिला, जम्मू-कश्मीर
  • प्राकृतिक चुनौतियां, 266 किमी/घंटा की हवाएं, बर्फबारी, भूकंप

1,486 करोड़ रुपए से बनाया गया पुल

इस ब्रिज की निर्माण लागत को लेकर कई अनुमान हैं। कुछ रिपोर्ट इसे 1,486 करोड़ रुपए, तो कुछ 1,400 से 1,500 करोड़ तक बताते हैं। जबकि पूरी USBRL परियोजना की लागत 14,000 करोड़ रुपए तक पहुंचती है।

अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई रफ्तार
इस पुल के बनने से कश्मीर घाटी की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी। पर्यटन, कृषि, कुटीर उद्योग और व्यापारिक गतिविधियों को इस नए रेल संपर्क से बड़ा बल मिलेगा। यह पुल केवल एक निर्माण नहीं, बल्कि कश्मीर की तरक्की का रास्ता है।

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