Census 2027: कैबिनेट ने जनगणना के लिए ₹11,718 करोड़ के बजट को दी मंजूरी; पहली बार होगी डिजिटली जनगणना

भारत सरकार ने जनगणना 2027 के लिए ₹11,718 करोड़ के बजट को मंजूरी दी।
Census 2027: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जनगणना 2027 संचालित करने के लिए बड़ी घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक ने ₹11,718.24 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास होगा, जो इस बार पूरी तरह डिजिटल रूप में किया जाएगा।
मोबाइल ऐप से डेटा कलेक्शन और रियल-टाइम मॉनिटरिंग
सरकार ने बताया कि इस जनगणना में मोबाइल-बेस्ड एप्लिकेशन का उपयोग किया जाएगा, जो एंड्रॉइड और iOS दोनों प्लेटफार्म के लिए उपलब्ध होगा। साथ ही, Census Management & Monitoring System (CMMS) पोर्टल के माध्यम से पूरे अभियान की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। घरों की सूची तैयार करने के लिए वेब-बेस्ड HLB Creator का इस्तेमाल होगा। नागरिकों को Self-Enumeration का विकल्प भी दिया जाएगा।

दो चरणों में पूरा होगा विशाल अभियान
जनगणना 2027 दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण- हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा। दूसरा चरण- जनसंख्या गणना (Population Enumeration)-फरवरी 2027 में आयोजित होगा। हालांकि लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों में यह चरण सितंबर 2026 में ही पूरा कर लिया जाएगा।
देशभर में 30 लाख कर्मचारियों की तैनाती
इस बड़े अभियान के लिए पूरे देश में लगभग 30 लाख फील्ड कर्मचारी लगाए जाएंगे। इनमें से अधिकांश सरकारी स्कूलों के शिक्षक होंगे, जिन्हें एन्यूमरेटर और सुपरवाइजर की भूमिका सौंपी जाएगी। उन्हें अपने नियमित कार्यों के साथ यह जिम्मेदारी निभानी होगी।
Cabinet approved ₹11,718 crore for Census 2027
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 12, 2025
✅ First ever digital census
✅ Will include caste enumeration and option for self-enumeration
✅ Personal data to be protected as per the DPDP Act, 2023
✅ ~ 1 crore human-days of employment to be generated pic.twitter.com/1uGGXqD1Z1
पहली बार डिजिटल रूप में शामिल होगी जाति गणना
कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स के 30 अप्रैल 2025 के फैसले के अनुसार, आगामी जनगणना में जाति आधारित आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे। यह प्रक्रिया Population Enumeration चरण के दौरान पूरी तरह डिजिटल फॉर्मेट में की जाएगी।
1.02 करोड़ मैन-डे का रोजगार सृजन
सरकार के अनुसार, जनगणना प्रक्रिया के तहत करीब 18,600 तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति लगभग 550 दिनों के लिए की जाएगी, जिससे 1.02 करोड़ मैन-डे का रोजगार सृजित होगा। इस डिजिटल अभ्यास से युवाओं में डेटा मॉनिटरिंग और तकनीकी कार्य क्षमता भी बढ़ेगी।

कम समय में परिणाम जारी करने की तैयारी
सरकार का दावा है कि इस बार जनगणना के परिणामों को जल्द से जल्द जारी करने का प्रयास किया जाएगा। उन्नत डेटा विज़ुअलाइज़ेशन टूल्स का उपयोग करते हुए village और ward स्तर तक डेटा की पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी। Census-as-a-Service (CaaS) के माध्यम से मंत्रालयों को मशीन-रीडेबल डेटा सीधे उपलब्ध होगा।
आजादी के बाद आठवीं और भारत की 16वीं जनगणना
जनगणना 2027, भारत की 16वीं जनगणना होगी, जबकि आजादी के बाद यह आठवीं होगी। जनगणना देश में आवास स्थितियों, मूलभूत सुविधाओं, भाषा, धर्म, शिक्षा, आर्थिक गतिविधियों, प्रवास, रोजगार और उर्वरता जैसे कई महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक संकेतकों का सबसे बड़ा और विश्वसनीय डेटाबेस तैयार करती है।
