Atal Bihari Vajpayee's birth anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पीएम मोदी की श्रद्धांजलि, बोले- राष्ट्र हमेशा करता रहेगा याद

Atal Bihari Vajpayees birth anniversary PM Modi pays tribute
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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी ने 'सदैव अटल' पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘सदैव अटल’ पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा कि श्रेष्ठता पद से नहीं, आचरण से तय होती है।

Atal Bihari Vajpayee's birth anniversary: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली स्थित 'सदैव अटल' स्मारक पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर पीएम मोदी ने पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्र के प्रति अटल जी के योगदान को याद किया।

भारतीय राजनीति के आदर्श स्तंभ थे अटल जी

प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का ऐसा व्यक्तित्व बताया, जिन्होंने अपने व्यवहार, गरिमा और राष्ट्रीय हितों के प्रति अडिग प्रतिबद्धता से एक मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि अटल जी का सार्वजनिक जीवन यह सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व पद से नहीं, बल्कि आचरण और मूल्यों से पहचाना जाता है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने 'सदैव अटल' पहुंचकर दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए लिखा- ''पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर आज दिल्ली में उनके स्मृति स्थल ‘सदैव अटल’ जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का सौभाग्य मिला। जनसेवा और राष्ट्रसेवा को समर्पित उनका जीवन देशवासियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।''

संस्कृत श्लोक के जरिए नेतृत्व का संदेश

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में एक संस्कृत पंक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि महान नेताओं के कर्म समाज को दिशा दिखाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह विचार अटल बिहारी वाजपेयी के पूरे राजनीतिक जीवन में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जहां उन्होंने व्यक्तिगत हितों से ऊपर देश को रखा।

'देशहित सर्वोपरि' अटल जी की पहचान

पीएम मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का आचरण, वैचारिक दृढ़ता और राष्ट्रहित के प्रति समर्पण भारतीय राजनीति के लिए एक आदर्श मानक है। उन्होंने अपने जीवन से यह साबित किया कि श्रेष्ठता सत्ता या पद से नहीं, बल्कि चरित्र और कर्म से स्थापित होती है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अटल जी की जयंती हम सभी के लिए उनके विचारों और मूल्यों से सीख लेने का अवसर है। उनका जीवन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सदैव मार्गदर्शक बना रहेगा।

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