अंजी खड्ड ब्रिज: जम्मू कश्मीर में बना पहला केबल-स्टेड रेल पुल, 100 की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, PM मोदी ने किया उद्धाटन; जानें खासियत

अंजी खाद ब्रिज : जम्मू कश्मीर में बना भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल, PM मोदी ने किया उद्धाटन; जानें A to Z जानकारी
Anji Khad Rail Bridge : भारतीय रेलवे ने तकनीकी नवाचार और संरचनात्मक उत्कृष्टता की मिसाल पेश की है। जम्मू-कश्मीर के रियासी स्थित अंजी नदी पर देश का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज (अंजी खाद पुल) बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 जून 2025 को इसका औपचारिक उद्घाटन किया।
यह अद्भुत पुल संरचना चेनाब की सहायक अंजी नदी पर बनाई गई है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत इसे विकसित किया गया है। यह पुल न सिर्फ दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रेलवे संपर्क को मजबूती देगा, बल्कि जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को भी नई उड़ान देगा।
Vande Bharat Crossing Anji Khad Bridge 🤩🔥
— Trains of India (@trainwalebhaiya) January 25, 2025
First Trial of Vande Bharat from Katra to Kashmir (Budgam) crossing India's First Cable Stayed Rail Bridge aka Anji Khad Bridge in Reasi #IndianRailways #VandeBharat pic.twitter.com/5Mv9nG0Bbe
अंजी खड्ड पुल की विशेषताएं
- स्थान: रियासी जिला, जम्मू-कश्मीर
- तकनीक: भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल
- लंबाई: 725.5 मीटर
- मुख्य पिलर की ऊंचाई: 331 मीटर
- विंड रेसिस्टेंस: 213 किमी/घंटा तक की तेज हवाएं
- ट्रेन गति क्षमता: 100 किमी/घंटा तक की गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए उपयुक्त
- केबल्स: कुल 96 केबल्स (लंबाई 82 से 295 मीटर)
अंजी ब्रिज में 4 प्रमुख खंड
अंजी ब्रिज में 4 प्रमुख खंड शामिल हैं। रियासी की तरफ 120 मीटर का एप्रोच वायाडक्ट, कटरा की तरफ 38 मीटर का एप्रोच ब्रिज, घाटी में फैला 473.25 मीटर का केबल-स्टेड सेगमेंट और मुख्य संरचना को वायाडक्ट से जोड़ने वाला 94.25 मीटर का केंद्रीय तटबंध।

विशेष तकनीक से बना अंजी खाद पुल
जम्मू-कश्मीर में अंजी नदी पर बना अंजी खड्ड पुल के लिए हाइब्रिड नींव प्रणाली पहाड़ी अपनाई गई है। ताकि, ढलानों को स्थिर किया जा सके। इसमें डोका जंप फॉर्म शटरिंग, पंप कंक्रीटिंग और टॉवर क्रेन तकनीक का उपयोग किया गया है। इससे निर्माण समय में 30% की बचत हुई है।
भूकंप और भूस्खलन रोधी पुल
रेल मंत्रालय ने बताया कि अंजी ब्रिज भविष्य में सेमी हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के लिए भी अनुकूल है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि भूकंप, भूस्खलन सहित मौसम की अन्य प्रतिकूल परिस्थितियां भी नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगी।
तोरण की धुरी पर संतुलित
भारतीय रेलवे ने पुल की स्थिरता सुनिश्चित करने साइट-विशिष्ट जांच के लिए IIT रुड़की और IIT दिल्ली के साथ सहयोग किया। अंजी खड्ड पुल एक असममित केबल-स्टेड पुल है, जो केंद्रीय तोरण की धुरी पर संतुलित है।
राष्ट्रीय महत्व का इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट
अंजी खड्ड पुल केवल तकनीकी चमत्कार नहीं, बल्कि यह भारत की सुरक्षित, तेज़ और सतत परिवहन नेटवर्क की दिशा में बड़ा कदम है। देश की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों में तैयार की गई यह संरचना भारत की इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रतीक बन चुकी है।
