अहमदाबाद प्लेन हादसा: AAIB की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर सवाल; जानें पायलट्स एसोसिएशन का तर्क?

AI 171 विमान दुर्घटना: प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर पायलट्स एसोसिएशन ने उठाए सवाल
Ahmedabad Plane Crash Investigation: गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट में 12 जून को हुए AI-171 प्लेन हादसे में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है। जिस पर एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA-India) ने गंभीर आपत्ति जताई है। ALPA का कहना है कि जांच में पायलट को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की गई है।
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ने जांच में शामिल तथ्यों को सिरे से खारिज करते हुए निष्पक्ष, तथ्य-आधारित और पारदर्शी तरीके से जांच कराए जाने की मांग की है।
ALPA-India के क्या हैं आरोप?
बिना हस्ताक्षर वाली रिपोर्ट लीक कैसे हुई?
ALPA-India ने बिना किसी जिम्मेदार अधिकारी के हस्ताक्षर के प्रारंभिक जांच रिपोर्ट लीक किए जाने पर भी सवाल उठाए। कहा, इससे जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। गोपनीयता के नाम पर जांच को बंद दरवाजों के पीछे चलाया जा रहा है। इससे न सिर्फ विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है, बल्कि जनता का भरोसा भी टूट रहा है।
जांच टीम में अनुभवी पायलट क्यों नहीं?
ALPA ने जांच टीम में अनुभवी लाइन पायलटों (Line Pilots) को शामिल न किए जाने पर सवाल उठाए। कहा, इतने बड़े घटनाक्रम की जांच में तकनीक और वास्तव में उड़ान भरने वाले अनुभवी पायलटों की भूमिका अहम होती है। ताकि, व्यवहारिक पक्षों का मूल्यांकन किया जा सके। न कि थ्योरी और रिकॉर्डिंग्स के आधार पर जांच हो।
क्या कहती है प्रारंभिक रिपोर्ट?
ALPA ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में अभी पूर्ण विवरण सार्वजनिक नहीं किए, लेकिन शुरुआती तौर पर इसमें क्रू द्वारा चेकलिस्ट और ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल में चूक संभावित कारणों पर आशंका जताई गई है। हालांकि, अभी ये सबसे शुरुआती तथ्य हैं। इसे अंतिम निष्कर्ष नहीं माना जा सकता।
ALPA की प्रमुख मांगें
- जांच रिपोर्ट में पारदर्शिता और जिम्मेदारी तय हो
- लाइन पायलट्स और अनुभवी तकनीकी विशेषज्ञों को टीम में शामिल किया जाए
- मीडिया में रिपोर्ट लीक करने वालों की पहचान कर कार्रवाई हो
- जांच निष्कर्ष आने तक किसी भी एकतरफा बयान से बचा जाए
एविएशन इंडस्ट्री की चिंताएं
AI 171 दुर्घटना के बाद से हवाई सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में निष्पक्ष और परदर्शी जांच उनकी साख बनाए रखने के लिए जरूरी है। इस जांच का उद्देश्य सिर्फ दोष निर्धारित करना नहीं होना चाहिए, बल्कि घटना के वास्तविक कारण पता कर भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, यह सुनिश्चित कराना जरूरी है।
