1971 युद्ध: इंदिरा गांधी की भूमिका- राहुल गांधी के बयान पर विवाद; अमेरिकी दस्तावेजों ने खोली पोल

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(Image: Grok) राहुल गांधी के बयान से शुरू हुआ 1971 युद्ध पर विवाद

राहुल गांधी के बयान से शुरू हुआ 1971 युद्ध पर विवाद, अमेरिकी दस्तावेज़ों से इंदिरा गांधी की रणनीति और अमेरिका से मदद की मांग उजागर।

Rahul Gandhi On indo pak 1971 War: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार (29 जुलाई) को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1971 की राजनीतिक इच्छाशक्ति का ज़िक्र किया, जिसे उन्होंने ऐतिहासिक और निर्णायक बताया। हालांकि, अमेरिकी अभिलेखीय दस्तावेजों ने इस दावे पर नया विवाद खड़ा कर दिया है।

इन दस्तावेजों के अनुसार, इंदिरा गांधी युद्ध से बचना चाहती थीं और उन्होंने पाकिस्तान की आक्रामकता को रोकने के लिए अमेरिका से मदद मांगी थी। यह खुलासा न केवल 1971 के युद्ध के ऐतिहासिक संदर्भ को उजागर करता है, बल्कि कांग्रेस की तत्कालीन नीतियों पर भी सवाल उठाता है।

इंदिरा गांधी ने अमेरिका को लिखा था पत्र

अमेरिकी राष्ट्रीय अभिलेखागार में उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार, 5 दिसंबर 1971 को इंदिरा गांधी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को पत्र लिखकर पाकिस्तान की आक्रामक गतिविधियों को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की थी। यह पत्र 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान द्वारा भारत के पश्चिमी मोर्चे पर हमले के दो दिन बाद लिखा गया था।

इंदिरा गांधी ने लिखा, "भारत सरकार और जनता आपसे आग्रह करती है कि आप पाकिस्तान को उसकी अनियंत्रित आक्रामकता और सैन्य दुस्साहस की नीति से तुरंत रोकें।"इस पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति निक्सन से अनुरोध किया कि वह अपने प्रभाव का उपयोग कर पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आक्रामकता से रोकें। यह दस्तावेज़ इंदिरा गांधी की युद्ध के प्रति अनिच्छा और अमेरिका पर निर्भरता को रेखांकित करता है।

राहुल गांधी के बयान और भाजपा का पलटवार

राहुल गांधी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान मोदी सरकार पर सशस्त्र बलों को खुली छूट न देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इंदिरा गांधी ने 1971 के युद्ध में सशस्त्र बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दी थी, जबकि अमेरिका ने भारत को दबाव में लाने के लिए यूएसएस एंटरप्राइज युक्त टास्क फोर्स 74 को बंगाल की खाड़ी में भेजा था।

हालांकि, अमेरिकी दस्तावेज़ों के आधार पर भाजपा ने पलटवार किया। एक भाजपा नेता ने कहा, "इंदिरा गांधी ने ही पाकिस्तान के साथ युद्ध के मामलों में अमेरिका से मदद मांगी थी। इसके विपरीत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कभी अमेरिकी दबाव स्वीकार नहीं किया और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों के खिलाफ स्वतंत्र और निर्णायक कार्रवाई की।"

ऑपरेशन सिंदूर पर राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने दावा किया कि मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों को पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला करने से रोका, इस्लामाबाद को स्थिति न बिगड़ने की सूचना दी, और भारतीय लड़ाकू विमानों को बिना पाकिस्तानी राडार निष्क्रिय किए युद्ध में भेजा। उन्होंने इसे सशस्त्र बलों के हाथ बांधने का निर्णय बताया।

ऐतिहासिक संदर्भ और वर्तमान राजनीति

1971 के युद्ध में भारत की जीत और बांग्लादेश के निर्माण में इंदिरा गांधी की भूमिका को ऐतिहासिक माना जाता है। हालांकि, अमेरिकी दस्तावेज़ों से पता चलता है कि उनकी रणनीति में अमेरिकी समर्थन की मांग शामिल थी। यह खुलासा वर्तमान राजनीतिक बहस में एक नया आयाम जोड़ता है, जहां कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।

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