मेरी समझ से बहार है सेंसर बोर्ड की सोच : नसीरूद्दीन शाह

मेरी समझ से बहार है सेंसर बोर्ड की सोच : नसीरूद्दीन शाह
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धर्म संकट में रिलीज होने से पहले ही विवादों में छा गई है।
मुंबई. बॉलीवुड अभिनेता नसीरूद्दीन शाह और परेश रावल की आगामी फिल्म ‘धर्म संकट में’ रिलीज होने से पहले ही विवादों में छा गई है। इस फिल्म के एक पोस्टर को लेकर विवाद हुआ है। हालांकि विवाद के बाद इस पोस्टर को बदल दिया गया है। आपको बता दें कि अन्नू कपूर ने इस पोस्टर में एक टोपी लगा रखी है जो कि मुस्लिम कम्युनिटी की टोपी से मिलती जुलती है। इस पर उठे सवाल के बाद प्रोडक्शन हाउस ने इस पोस्टर को हटा दिया है और दूसरा पोस्टर रिलीज किया है। फिल्म 'धर्म संकट में’10 अप्रैल को रिलीज होने जा रही है।
खबर के मुताबिक, फिल्म ‘धर्म संकट में’ की कहानी अंग्रेजी फिल्म 'द इन्फिडेल' का हिंदी वर्जन है। फिल्म में एक इंसान के धर्म संकट के बारे में बताया गया है। जिसे कई सालों बाद पता चलता है कि वो किसी और धर्म का पैदा हुआ था। फिल्म 'धर्म संकट में' की स्क्रीनिंग के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा धार्मिक गुरुओं को आमंत्रित करने संबंधी खबरों से फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे नसीरुद्दीन शाह व परेश रावल खुश नहीं हैं। उन्होंने इसे बेतुका करार दिया है। परेश रावल ने 'धर्म संकट में' की स्क्रीनिंग में एक मौलवी और पंडित को बुलाए जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘फिल्म देखने के लिए पंडित और मौलवी को बुलाना बेहद खतरनाक संकेत है।’
इस बारे में नसीरुद्दीन ने कहा, ‘यह बेतुका ख्याल है। मेरे लिए यह बेतुकेपन से भी कहीं बढ़कर है।' सीबीएफसी चाहता है कि उसकी ओर से फिल्म को प्रमाणपत्र देने से पूर्व धार्मिक गुरु इसे 'क्लिन चिट' दें। ऐसा करके बोर्ड और फिल्म के निर्माता बाद में खड़े होने वाले बवाल से बच जाएंगे।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, परेश रावल किस धर्म या गुरु को मानते हैं? -
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